Bokaro: शिक्षा, महिला सशक्तीकरण और बाल कुपोषण उन्मलन को बढ़ावा देने के लिए 50 नंदघरों का उद्घाटन किया गया है. वेदांता ग्रुप की कंपनी और मुख्य राष्ट्रीय स्टील प्लेयर ESL स्टील लिमिटेड ने सिंदुरपेटी में 50 नंदघरों का उद्घाटन किया. यह उद्घाटन झारखंड के माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा वर्चुअल तरीके से किया गया. वेदांता ने 2021 के अंत तक 150 नंदघर संचालित करने का लक्ष्य तय किया है. वेदांता 13.7 लाख आंगनबाड़ियों में 8.5 करोड़ बच्चों और 2 करोड़ महिलाओं के जीवन में बदलाव लाकर अपने लक्ष्य के और करीब आ गया है. तकरीबन 2,100 ऐसी संरचनाएं भारत के 10 राज्यों में पहले से ही मौजूद हैं.
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आधुनिक संरचना उपलब्ध कराना लक्ष्य
वेंदाता की एक ड्रीम CSR परियोजना नंदघर पारम्परिक आंगनबाड़ियों को आधुनिक, सभी सुविधाओं से युक्त संरचनाओं में बदलकर भारत के ग्रामीण बच्चों और महिलाओं को लाभान्वित करने हेतु समर्पित है. ये आधुनिक संरचनाएं बच्चों को शुरुआती बचपन के विकास के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराती हैं. उनके संज्ञानात्मक, सामाजिक एवं भावनात्मक विकास को प्रोत्साहित करती हैं. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से संचालित नंदघर सुनिश्चित करते हैं कि, ग्रामीण भारत देश की प्रगति के मार्ग में कोई पीछे न छूट जाए.
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नंदघरों की क्या हैं विशेषताएं ?
इनमें कई मुख्य विशेषताएं हैं. जैसे ई-लर्निंग के लिए स्मार्ट टीवी, 24/7 पावर बैकअप, भूकम्परोधी संरचनाएं, शौचालय, वॉटर प्योरीफायर, सोलर पैनल और किचन गार्डन जो इन्हें समुदाय के लिए मॉडल संसाधन केन्द्र बनाते हैं. महिलाओं और बच्चों को पोषक आहार उपलब्ध कराने के अलावा नंदघर गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली महिलाओं और बच्चों को घर ले जाने के लिए राशन भी उपलब्ध कराते हैं. इन्हें मोबाइल वैन्स के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं. साथ ही महिलाओं को कौशल, क्रेडिट लिंकेज एवं उद्यम विकास में भी सक्षम बनाया जाता है.
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सीएम हेमंत सोरेन ने क्या कहा ?
वर्चुअल उद्घाटन के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, ‘‘वेदांता को उसके विकास संबंधी पहलों के लिए जाना जाता है. और मैं हमेशा से इसे सहयोग प्रदान करता रहा हूं. नंदघर भारत की तीव्र प्रगति को सुनिश्चित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है. बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं. और नंदघर से बेहतर इनके जीवन को खूबसूरत बनाने के लिए और कोई पहल नहीं हो सकती. मैं वेदांता परिवार को बधाई देता हूं, जिन्होंने नंदघर के माध्यम से यह लक्ष्य तय किया है. उन्होंने महिलाओं और बच्चों के विकास के लक्ष्य के साथ झारखण्ड सरकार को इन पहलों में सहयोग प्रदान किया है।’’
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क्या है ईएसएल की योजना ?
इस अवसर पर पंकज मल्हान, सीईओ, ईएसएल स्टील लिमिटेष्ड ने कहा, ‘‘वेदांता परिवार की ओर से मैं मुख्यमंत्री एवं अन्य दिग्गजों को धन्यवाद करता हूं. जिन्होंने इस उद्घाटन के लिए समय निकाला. यह परियोजना देशभर की आंगनबाड़ियों को आधुनिक संसाधन केन्द्रों में बदलकर महिलाओं और बच्चों के विकास में योगदान दे रही हैं. मुझे यह ऐलान करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है. हम बोकारो में सफलतापूर्वक 50 नंदघर खोल चुके हैं. और कम से कम 100 अन्य ऐसे केन्द्र खोलने का लक्ष्य तय किया है
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