NewDelhi : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी. खबर है कि ममता त्रिपुरा हिंसा और BSF का अधिकार क्षेत्र(50km) बढ़ाये जाने को लेकर पीएम के समक्ष अपनी बात रखेंगी. ममता बनर्जी ने निकाय चुनाव से पूर्व त्रिपुरा में TMC कार्यकर्ताओं को पुलिस थाने में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर पीटने और BSF का अधिकार क्षेत्र बढ़ाये जाने के मुद्दे पर सवाल उठाया है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग या अनुच्छेद 355 कहां है? कहा कि केंद्र सरकार ने त्रिपुरा को कितने नोटिस भेजे हैं?
सुप्रीम कोर्ट का निकाय चुनाव स्थगित करने से इनकार
जान लें कि त्रिपुरा निकाय चुनाव से पहले हुई हिंसा को लेकर 23 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव स्थगित करने से मना कर दिया है. SC ने कहा था कि चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, इसलिए यह एक अंतिम विकल्प होगा. कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिय कि वो सुनिश्चित करे कि नगरपालिका चुनाव के बाकी के चरण शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से किये जायें. इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती करेकी जाये.
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22 को टीएमसी सांसदों ने दिया था धरना
टीएमसी सांसदों ने 22 नवंबर को गृहमंत्रालय के सामने धरना दिया था. सांसद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गयाय हालांकि बाद में उनसे मुलाकात हुईय शाह ने इस मामले में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव से राजनीतिक हिंसा की घटनाओं की जानकारी मांगी है. रविवार को टीएमसी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि त्रिपुरा के अगरतला के एक पुलिस स्टेशन में सत्तारूढ़ भाजपा के कार्यकर्ताओं ने TMC के कार्यकर्ताओं को पीटा.
टीएमसी के अनुसार, त्रिपुरा पुलिस उस होटल में पहुंची, जहां पार्टी नेता सायोनी घोष ठहरी थीं और उन्हें पूछताछ के लिए थाने बुलाया. सायोनी घोष और कुणाल घोष समेत टीएमसी के कुछ अन्य नेता अगरतला थाने पहुंचे. टीएमसी का आरोप है कि जब सायोनी घोष पूछताछ के लिए गयी तो करीब 25 भाजपा कार्यकर्ता हेलमेट और लाठियां लिए हुए पहुंचे और थाने के अंदर टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हमला किया.