Ranchi: चालू वित्तीय वर्ष 2022 – 2023 में बजट खर्च की समीक्षा को लेकर बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में एक समीक्षा बैठक हुई. बैठक मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की अध्यक्षता में हुई. जिसमें वित्त विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सहित विभिन्न विभागों के सचिव उपस्थित हुए. बैठक में मुख्य सचिव ने इस पर बात पर चिंता जतायी कि वित्तीय वर्ष के आठ माह बीतने के बाद भी पुनरीक्षित बजट का केवल 34.88 प्रतिशत राशि ही विभाग खर्च कर पायी है. मूल बजट से तुलना करें तो सरकार 36.22 प्रतिशत राशि खर्च कर चुकी है. मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करें कि बजट का शत-प्रतिशत राशि खर्च हो. उन्होंने सचिवों से बजटीय राशि खर्च को बढ़ाने का भी निर्देश दिया.
दिल्ली जाकर समस्या का करें निदान, सरकार भी अपने स्तर पर करेगी प्रयास
बैठक में केंद्रीय प्रायोजित योजना में आ रही समस्या का भी मुद्दा उठा. अधिकतर विभागों के सचिव ने कहा कि योजनाओं में केंद्र सरकार द्वारा ससमय राशि उपलब्ध नहीं करायी जा रही है. जिसपर मुख्य सचिव ने कहा कि विभागों को किस-किस योजना के मद में केंद्र द्वारा पैसा नहीं मिल रहा है, इसका पूरा प्रस्ताव तैयार करें. विभागीय सचिव व्यक्तिगत रूप से दिल्ली स्थित मंत्रालय जाकर समस्या का निदान करें. सरकार भी अपने स्तर पर इस दिशा में काम करेगी.
शीतकालीन सत्र में आने वाले अनुपूरक बजट को लेकर निर्देश
समीक्षा बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि विभाग की किसी योजना का बजटीय राशि अगर मार्च-2023 तक पूरी खर्च नहीं हो पाती है या किसी नए मद में अतिरिक्त राशि की जरूरत है, तो उसका भी एक प्रस्ताव तैयार कर सौंपे. ताकि आगामी शीतकालीन सत्र में आने वाले अनुपूरक बजट में इसे जोड़ा जा सकें.
मुख्यमंत्री ने खुद बुलायी थी बैठक, नहीं पहुंचे, तो सीएस ने की अध्यक्षता
बता दें कि बजटीय राशि खर्च करने को लेकर यह समीक्षा बैठक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद बुलायी थी. विभागों के सचिव सहित अधिकारी दोपहर दिन 3 बजे तक मुख्यमंत्री का इंतजार करते रहे. जब पता चला कि मुख्यमंत्री नहीं आ रहे हैं, तो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में ही बजटीय खर्च करने की समीक्षा पर बैठक हुई.
वित्तीय वर्ष 2022 – 23 की बजट राशि का ब्यौरा
समीक्षा बैठक में बजट राशि खर्च का जो ब्यौरा रखा गया है, उसके मुताबिक मूल बजट 1,01,101 करोड़ रुपए का था. जबकि पुनरीक्षित बजट 1,03,845 करोड़ रुपए रहा. पुनरीक्षित बजट का 44,460 करोड़ रुपए राशि यानी 43 प्रतिशत राशि खर्च हो पायी है. पुनरीक्षित बजट 1,03,845 करोड़ रुपए में योजना बजट 59,464 करोड़ और स्थापना बजट 44,381 करोड़ रुपए की है.
वहीं, वित्तीय वर्ष 2022-23 में राजस्व संग्रह का लक्ष्य 35,030 करोड़ रुपए का था. अबतक सरकार को 20,302 करोड़ रुपए का राजस्व संग्रहण हो पाया है. जो कुल लक्ष्य का 58 प्रतिशत है.
पिछले तीन वर्षों के योजना बजट के विरूद्ध खर्च राशि.
वित्तीय वर्ष बजट व्यय प्रतिशत
2020 – 2021 48,925 14,731 30
2021 – 2022 53,334 17,213 32
2022 – 2023 59,464 22,158 37
जानें, किस विभाग ने अबतक कितनी राशि की है खर्च
बता दें कि वित्त विभाग के प्रधान सचिव ने सभी विभागों से बजट के विरुद्ध खर्च की गयी रिपोर्ट जो मांगी थी, उसमें चौकने वाले तथ्य सामने आए थे. मिली रिपोर्ट के मुताबिक अधिकर विभागों का बजटीय राशि खर्च करने में औसत से खराब प्रदर्शन रहा है. सबसे अधिक ऊर्जा विभाग ने 87 प्रतिशत बजटीय राशि को खर्च किया है. वहीं, ऊर्जा और स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग का खर्च का आंकड़ा 51 प्रतिशत तक रहा है. ग्रामीण विकास विभाग (28.57 प्रतिशत), महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग (41.45 प्रतिशत), ग्रामीण कार्य विभाग (17.89 प्रतिशत), नगर विकास विभाग (17.91 प्रतिशत), पंचायती राज विभाग (28.12 प्रतिशत) ही राशि खर्च कर पायी है. सबसे खराब स्थिति कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग का खर्च महज 6.08 प्रतिशत रहा है.