Ranchi: झारखंड में पेयजल संकट से उबरने, सिचाई क्षमता बढ़ाने के लिए खुले खदानों में जमे हुए पानी को उपयोग में लाया जाएगा. इसके लिए जल संसाधन विभाग पायल प्रोजेक्ट तैयार करेगा. बीसीसीएल, ईसीएल और सीसीएल से भी परामर्श लिया जाएगा.
प्रदेशभर में खुले खदानों की संख्या 188 है.जिसमें सीसीएल में 88, बीसीसीएल में 23 और ईसीएल में 7 खुले खदान है. जिसमें करोड़ों गैलन पानी स्टॉक है. उस पानी को लिफ्ट कर पाइपलाइन से पेयजल और सिचाई के उपयोग में लाया जाएगा. सीएम हेमंत सोरेन ने इसके लिए जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों को पायलट प्रोजेक्ट बनाने का निर्देश दिया है.
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सीएम का कहना है खुले खदानों के पानी के उपयोग से पेयजल और सिचाई की समस्याएं दूर होगी. उन्होंने खदानों में जमे पानी का उपयोग कैसे हो पाएगा, इसके लिए जल संसाधन विभाग द्वारा सर्वे कराने का निर्देश दिया है. वहीं सर्वे के बाद पायलट प्रोजेक्ट तैयार काम शुरू करने का निर्देश दिया है. जल संसाधन सचिव प्रशांत कुमार ने अफसरों को सर्वे के साथ ही पायलट प्रोजेक्ट तैयार करने का आदेश दिया है.
सरकार ने पहले ही किया है समझौता, 70 गांव को मिल रहा है पेयजल
कोल इंडिया लिमिटेड ने झारखंड सरकार के साथ एक समझौता पहले ही किया है, जिसके तहत सेण्ट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल), भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और इस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के कमांड क्षेत्र में आने वाले खुले खदान के निकटवर्ती गांवों के लोग खदान में जमा पानी का उपयोग कर सकेंगे. इस समझौता के तहत सीसीएल और बीसीसीएल द्वारा खदानों के पानी को प्यूरीफायर कर अभी 70 से ज्यादा गांव में पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है.
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खुले खदानों में अरबों गैलेन पानी जमा
कोल इंडिया के तहत खुले खदानों की संख्या दर्जनों में है. दो से तीन दशक पूर्व ही कोयले का स्टॉक खत्म होने के बाद संबंधित परियोजनाओं को बंद कर दिया गया था. हजारों फीट गहरी इन खदानों में पानी भंडारण का सही आकलन अबतक नहीं लगाया गया है. फिर सीसीएल के जानकारों के अनुसार खदानों में अरबों गैलेन पानी स्टॉक है. सिर्फ एक बंद खदान ही 50-60 गांवों को निर्बाध जलापूर्ति हो सकता है.
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