LagatarDesk : देश में एक तरफ जहां महंगाई बढ़ रही है. दूसरी तरफ डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर हो रहा है. इस बीच सितंबर माह में बेरोजगारी दर घटकर 6.43 फीसदी पर आ गयी है. इससे पहले अगस्त में यह 1 साल के उच्च स्तर 8.3 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई में अनएम्प्लॉयमेंट रेट 6.80 फीसदी, जून में 7.80 फीसदी, मई में 7.12 प्रतिशत, अप्रैल में 7.83 प्रतिशत, मार्च में 7.60 प्रतिशत और फरवरी में 8.10 फीसदी थी. बेरोजगारी घटने का मुख्य कारण ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में श्रम भागीदारी में वृद्धि है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी यानी CMIE की रिपोर्ट से यह बात सामने आयी है.
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राजस्थान में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा 23.8 फीसदी
CMIE आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में राजस्थान में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा 23.8 फीसदी थी. इसके बाद सबसे अधिक बेरोजगारी दर जम्मू-कश्मीर में 23.2 फीसदी, हरियाणा में 22.9 फीसदी, त्रिपुरा में 17 फीसदी, झारखंड में 12.2 फीसदी और बिहार में 11.4 प्रतिशत थी. वहीं सितंबर माह में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर सबसे कम 0.1 फीसदी थी. इसके बाद अनएम्प्लॉयमेंट रेट असम में 0.4 फीसदी, उत्तराखंड में 0.5 फीसदी, मध्य प्रदेश में 0.9 फीसदी, गुजरात में 1.6 फीसदी, मेघालय में 2.3 फीसदी और ओडिशा में 2.9 फीसदी थी.
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शहरी में बेरोजगारी दर 7.70 फीसदी और गांव में 5.84 फीसदी रही
CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर में ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर घटकर 5.84 फीसदी रह गयी. जो अगस्त में 7.68 फीसदी थी. जबकि शहरी इलाकों में अनएम्प्लॉयमेंट रेट 9.57 फीसदी से घटकर 7.70 फीसदी पर आ गयी. सीएमआईई के एमडी महेश व्यास ने कहा कि शहरी क्षेत्रों और ग्रामीण इलाकों में भी श्रम भागीदारी में 80 लाख का इजाफा हुआ है. जिसकी वजह से सितंबर माह में बेरोजगारी दर में भारी गिरावट दर्ज की गयी है. एमडी महेश व्यास ने श्रम भागीदारी में वृद्धि इस बात का संकेत है कि देश की अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही है.
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