Ranchi : कोयला कारोबारी बबूल मुंडा ने TPC उग्रवादी संगठन से संबंध होने से इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि पुलिस प्रशासन और जनता को भटकाने की साजिश रची जा रही है. बबलू मुंडा ने कहा कि मेरा कार्यक्षेत्र चतरा जिला का टंडवा है, जहां से मैं पिछले 10 वर्षों से उप प्रमुख के पद पर पदस्थापित हूं. मेरे प्रखंड उप प्रमुख होने से समाज के सामाजिक कार्य में हमेशा बढ़-चढ़कर योगदान रहता है, और साथ ही साथ मेरी ट्रांसपोर्टिंग कंपनी भी है, जिसका मैं डायरेक्टर हूं और जिससे मैं नियमानुसार सरकार को टैक्स जमा करता हूं.
TPC से संबंध होने से किया इनकार
बबलू मुंडा ने कहा कि मेरे बड़े भाई स्वर्गीय प्रेम सागर मुंडा को जमीन के बदले सीसीएल में नौकरी मिली थी. वह सीसीएल कर्मी थे. साथ ही साथ विस्थापित के बड़े नेता थे और भाजपा अनुसूचित जनजाति के मंत्री थे. इसके अलावा भारत मुंडा समाज के प्रदेश अध्यक्ष थे. तो सभी सोचिए कि मैं बबलू कुमार मुंडा और स्वर्गीय प्रेम सागर मुंडा टीपीसी के सदस्य कैसे बन गए. यह जांच का विषय है. मैं और मेरे भैया प्रेम सागर मुंडा कभी भी टीपीसी से सदस्य नहीं थे, और ना ही है. टीपीसी से हम लोग का कोई संबंध नहीं रहा. हमलोग की कभी भी आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं रही है. टीपीसी सदस्य वाली बात बिल्कुल गलत है. पुलिस प्रशासन और जनता को भड़काने की साजिश रची जा रही है.
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घिनौना काम करने वाले को फांसी की सजा होनी चाहिए
बबलू मुंडा ने कहा कि मेरे भाई प्रेमसागर मुंडा की हत्या और पूरे परिवार पर दूसरा जानलेवा हमला होने से मैं और मेरा पूरा परिवार डर से सहमे हुए हैं. फिर भी मैं और मेरा पूरा परिवार मांग करते हैं, कि भैया प्रेम सागर मुंडा की हत्या करने वाले और मुझे और मेरी पत्नी और बच्ची को जान से मारने के उद्देश्य से हमला करने वालों को सरकार और पुलिस प्रशासन इस मामले को निष्पक्ष जांच कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. ऐसी घिनौना काम करने वाले को फांसी की सजा होनी चाहिए.
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टीपीसी ने कहा था- प्रेम सागर मुंडा व बबलू मुंडा टीपीसी के सक्रिय सदस्य रहे हैं
उग्रवादी संगठन टीपीसी ने प्रेम सागर मुंडा हत्याकांड और बबलू सागर मुंडा पर हुए हमले में संगठन के हाथ होने से इनकार किया है. टीपीसी के सब जोनल प्रवक्ता सचिन ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया है कि प्रेम सागर की हत्या संगठन ने नहीं की और न ही बबलू पर हमला किया गया है. सचिन के अनुसार पुलिस इस मामले में वजह बेवजह उन्हें बदनाम कर रही है. सचिन ने कहा था कि प्रेम सागर मुंडा एवं बबलू मुंडा टीपीसी के सक्रिय सदस्य रहे हैं. अगर कोई संगठन छोड़ देता है, तब उसे मारा नहीं जाता है. हमारे संगठन में अपनों को जान से मारने की परंपरा नहीं है. सचिन के अनुसार बबलू मुंडा को खुद मीडिया के सामने आकर यह बताना चाहिए कि क्या उस पर हमला टीपीसी ने करवाया है या फिर उसके भाई प्रेमसागर की हत्या टीपीसी ने की है. पूरे मामले में पुलिस यह कह रही है कि संगठन ने दोनों कांडों को अंजाम दिलवाया है.