DGP, NIA व ED से शिकायत, TPC उग्रवादी के बिजनेस पार्टनर ने दूसरे के खातों से की करोड़ों की हेर-फेर
Ranchi : कोयला कारोबारी और टीपीसी की सांठगांठ (टेरर फंडिंग) को लेकर चतरा का टंडवा हमेशा सुर्खियों में रहता है. इसको लेकर एनआईए की कार्रवाई भी चल रही है. इस बीच टंडवा के दुर्गा प्रसाद गुप्ता ने डीजीपी, एनआईए और ईडी से इससे संबंधित एक शिकायत की है. दुर्गा प्रसाद गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा है कि भतीजा रविंद्र कुमार ने उसके फर्जी हस्ताक्षर और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से उसके खाते से लोन के 25 लाख निकाल लिये. दुर्गा प्रसाद गुप्ता ने बताया कि उसके खाते से दो करोड़ अठावन लाख (2.58 करोड़) की हेर फेर की. शिकायत के बाद भी पुलिस और बैंक अधिकारी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.
टीपीसी के लिए रविंद्र पैसों की करता था हेर-फेर
टंडवा के दुर्गा प्रसाद गुप्ता ने शिकायत में कहा है कि उसका भतीजा रविंद्र कुमार उसके कारोबार में मदद करता था. इस दौरान उसको उसके बैंक खातों के बारे में पूरी जानकारी मिल गयी थी. इसी बीच प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीपीसी के लोगों से उसकी जान-पहचान हुई और वह उनके लिए पैसे के हेरफेर का काम करने लगा. बाद में मुनेश गंझू के साथ उसका व्यापारिक समझौता हो गया. पैसों के हेर-फेर करने के दौरान उसकी बैंक अधिकारियों से भी जान पहचान हो गयी. रविंद्र कुमार ने साल 2014 में बैंक अधिकारियों की सांठगांठ से उसके खाते का चेक बुक जारी करवाया. तब से अब तक उस खाते से उसने करीब 2 करोड़ 58 लाख रुपये की हेर-फेर की. इस दौरान रविंद्र कुमार ने दुर्गा प्रसाद के बैंक में रखे लोन के 25,85,700 रुपये भी निकाल लिये. शिकायत में बताया कि टंडवा थाना और बैंक ऑफ इंडिया शाखा में मामले की शिकायत की थी. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. दुर्गा प्रसाद का कहना है कि रविंद ने उसको टीपीसी नक्सली संगठन के नाम पर जान से मारने की धमकी भी दी है. दुर्गा प्रसाद ने अपनी शिकायत के साथ मुनेश गंझू और रविंद्र कुमार से जुड़े बिजनेस पार्टनर से संबंधित दो एग्रीमेंट भी अटैच की है.
BOI और ICICI बैंक के अधिकारियों की भूमिका पर उठाये सवाल
शिकायतकर्ता दुर्गा प्रसाद गुप्ता ने बैंक अधिकारियों की भूमिका पर गंभीर आरोप लगाये हैं. दुर्गा प्रसाद ने शिकायत में कहा कि बैंक ऑफ इंडिया के टंडवा शाखा में सी.सी. खाता संख्या 482830100000055 का उसने ( दुर्गा प्रसाद) वर्ष 2014 तक संचालन किया. उस समय तक उसके खाते में 25 लाख जमा थे. बैंक ऑफ इंडिया के टंडवा शाखा के अधिकारियों की मिलीभगत से रविंद्र कुमा ने खाते में अपना मोबाइल नंबर अपडेट करवा लिया और 27 सितंबर 2014 को एक साथ चार चेक वॉल्यूम संख्या 651 से 801 तक जारी करवाये. इसमें खाता धारक का कोई हस्ताक्षर नहीं है. जब तक मुझे इस बात की जानकारी हुई तब तक मेरे खाते से दो करोड़ 58 लाख की बेनामी लेन-देन की गयी थी. बैंक ऑफ इंडिया के टंडवा शाखा के अधिकारियों को शिकायत की. साथ ही बैंक के शाखा प्रबंधक को इस संबंध में लीगल नोटिस भी भेजवाया. लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी. दुर्गा प्रसाद गुप्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि इसी तरह आई,सी,आई,सी,आई बैंक टंडवा के खाता संख्या 394101000304 से 09 फरवरी 2021 को बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से जाली हस्ताक्षर कर एक लाख रुपये की अवैध निकासी की गयी. बैंक अधिकारियों से इसकी भी शिकायत की गयी. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.