Ranchi: फंड की भरपूर उपलब्धता के बावजूद झारखंड में केंद्र की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना ने 2 साल में झारखंड में महज 15 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है. 2024 तक हर घर नल से पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए यह योजना 2019 में शुरू की गई थी. झारखंड में भी 2024 तक 59,23,320 घरों में फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन (FHTC) के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य बनाया गया, लेकिन IMIS के आधार पर 2 साल में महज 8,55,877 घरों को ही कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है. यह आंकड़ा कुल लक्ष्य का सिर्फ 14.32 प्रतिशत है. जबकि फिलहाल राज्य में 14,16651 एफएचटीसी के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है. वहीं सरकार ने दिसंबर 2021 तक 20,63,428 एफएचटीसी की प्राप्ति का लक्ष्य रखा है.
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झारखंड के पास फंड की कमी नहीं
जल जीवन मिशन योजना में केंद्र दिल खोलकर राज्य को पैसे दे रहा है. केंद्र ने इस योजना के तहत झारखंड को मिलने वाली राशि में जून महीने में ही चार गुना की वृद्धि कर दी थी. राज्य के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए अनुदान राशि को बढ़ाकर 2,479.88 करोड़ रुपये कर दिया गया था, जबकि वर्ष केंद्रीय अनुदान की यह राशि 572.24 करोड़ रुपये थी.
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2020-21 में आवंटित 429.18 करोड़ रुपये लौट गये थे
15 अगस्त 2019 को जब जल जीवन मिशन का शुभारंभ हुआ था उस वक्त महज 3.45 लाख ग्रामीण घरों में (5.85 प्रतिशत) में ही नल जल का कनेक्शन था. 2020-21 के दौरान झारखंड को जल जीवन मिशन के तहत केंद्रीय अनुदान के रूप में 572.24 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन कार्यान्वयन की धीमी गति के कारण राज्य केवल एक चौथाई यानी 143.06 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाया था और कुल आवंटन के तीन चौथाई हिस्सा यानी 429.18 करोड़ रुपये लौटाने पड़े थे.