- एनटीपीसी त्रिवेणी सैनिक एक ओर दे रही आश्वासन, तो कंपनी के पीआरओ ने स्पष्ट किया नहीं खुल सकती है फैक्ट्री
- कंपनी ने ले ली प्रॉपर्टी, अब नौकरी से कर दिया बेदखल
- 200 से अधिक महिलाओं के रोजगार पर त्रिवेणी सैनिक ने मारा डाका
Hazaribagh : त्रिवेणी सैनिक कंपनी के सीएसआर फंड से चलने वाली त्रिवेणी अपेरल्स एंड टेक्सटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड के निकट भविष्य में भी खुलने के आसार नहीं है. इस बात की जानकारी त्रिवेणी सैनिक कंपनी के पीआरओ अरविंद देव ने दी. उन्होंने कहा कि वार्ता के दौरान भी किसी भी तरह की सकारात्मक पहल नहीं हुई. बहुत अधिक घाटे के कारण कंपनी ने यह फैसला लिया है. पहले से ही फैक्ट्री बंद करने में विलंब हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तरह का ऑर्डर अब तक कंपनी को नहीं मिला है. इस कारण फैक्ट्री खोलने के आसार नहीं के बराबर हैं.
वहीं दूसरी ओर बेरोजगार हुईं 200 से अधिक महिलाओं ने एनटीपीसी के पदाधिकारी के साथ वार्ता की. महिलाओं ने जानकारी दी कि एनटीपीसी ने आश्वासन दिया है कि टेक्सटाइल फैक्ट्री खोलने की फिर से कोशिश की जाएगी, ताकि जो महिलाएं बेरोजगार हुई हैं, उन्हें फिर से रोजगार से जोड़ा जा सके.
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बेरोजगार हुई महिलाओं ने त्रिवेणी सैनिक कंपनी के पदाधिकारी से भी मुलाकात की और उन्होंने भी आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे पर विचार किया जा रहा है. बहुत जल्द सकारात्मक कदम उठाया जाएगा, ताकि महिलाओं को फिर से रोजगार से जोड़ा जा सके.
एनटीपीसी और त्रिवेणी सैनिक जहां एक ओर 200 से अधिक बेरोजगार महिलाओं को आश्वासन दे रही है, तो दूसरी ओर कंपनी के पदाधिकारी ने शुभम संदेश की टीम से वार्ता करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि अब फैक्ट्री नहीं खोली जाएगी. कंपनी भ्रम की स्थिति बनाई हुई है और महिलाएं रोजगार के लिए एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय चक्कर काट रही हैं.
टेक्सटाइल फैक्ट्री में काम करने वाली माला मिश्रा कहती हैं कि मंगलवार तक का समय कंपनी ने मांगा है. अगर हमारी बात नहीं मानी जाएगी, तो आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. वहीं उन्होंने यह भी जानकारी दी कि फैक्ट्री में कई विधवा और गरीब महिलाएं भी काम कर रही थीं, जो रोजी-रोटी के लिए इसी फैक्ट्री पर ही निर्भर थीं. अब फैक्ट्री बंद होने के कारण उनका जीवन यापन करना चुनौती भरा हो जाएगा. इसे देखते हुए कंपनी से वार्ता कर स्थिति बताई गई है. उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने सब्जबाग दिखाकर उनकी प्रॉपर्टी ले ली और अब नौकरी पर भी डाका डाल दिया.
त्रिवेणी सैनिक कंपनी जिस टेक्सटाइल फैक्ट्री को विस्थापन का आशीर्वाद बताते हुए हर प्लेटफॉर्म पर चर्चा करती थी, उसी फैक्ट्री को मैनेजमेंट ने बंद कर दिया है. बड़कागांव की कोल माइंस पकरी-बरवाडीह परियोजना एनटीपीसी के अधीनस्थ काम करने वाली आउटसोर्सिंग कंपनी त्रिवेणी सैनिक माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की कम से कम 200 से अधिक महिलाएं बेरोजगार हो चुकी हैं. त्रिवेणी सैनिक माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने सीएसआर फंड से टेक्सटाइल फैक्ट्री 2016 में शुरू की थी. अचानक बिना नोटिस के ही फैक्ट्री बंद कर दी गई. अब 200 से अधिक महिलाओं का जीवन यापन कैसे होगा, यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
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