NewDelhi : संसद के शीतकालीन सत्र का शुभारंभ सोमवार से होने जा रहा है. बता दें कि कांग्रेस ने सदन में मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बनाने की कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए कांग्रेस सोमवार को ही विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई है. लेकिन कांग्रेस को झटका देते हुए टीएमसी ने बैठक में शामिल होने से मना कर दिया है. खबर है कि टीएमसी के वरिष्ठ नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने आज रविवार को साफ कर दिया कि उनकी पार्टी मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा बुलाई गयी विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होगी.
TMC will not attend the Opposition parties meeting called by Congress leader Malikarjun Kharge: Trinamool MP Sudip Banerjee
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— ANI (@ANI) November 28, 2021
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ममता बनाम सोनिया का शंखनाद
जानकारों का कहना है कि टीएमसी ने 2024 को मोदी बनाम ममता बनाने के लिए ममता बनाम सोनिया का एक तरह से शंखनाद कर दिया है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी पार्टियों की मीटिंग बुलाई है. इसका मकसद संसद में उठाये जाने वाले मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों में आम राय बनाने की कोशिश है. खड़गे ने कहा कि 29 नवंबर को कांग्रेस कार्यालय में सुबह पौने 10 बजे होगी. कहा कि सभी विपक्षी दलों को निमंत्रण दिया गया है. इसमें शीतकालीन सत्र को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी.
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कांग्रेस में भगवा कैंप से टक्कर लेने का जज्बा नहीं
बता दें कि टीएमसी के एक नेता ने शनिवार को कहा था कि हमारी बिल्कुल भी रुचि नहीं है कि संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस के साथ तालमेल करें. हालांकि कहा कि टीएमसी जनहित के मुद्दों पर अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर तालमेल जरूर बनायेगी. टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर नहीं किये जाने की शर्त पर पीटीआई से कहा, हमें शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस के साथ तालमेल बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. कहा कि कांग्रेस नेताओं को सबसे पहले अपनी पार्टी के भीतर ही तालमेल बनाना चाहिए. पहले उन्हें अपना घर दुरुस्त करना चाहिए और इसके बाद दूसरों के साथ समन्वय के बारे में सोचना चाहिए. उनके नेताओं में भगवा कैंप से टक्कर लेने का जज्बा नहीं है.
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ममता बनर्जी दिल्ली आयी, लेकिन सोनिया से नहीं मिलीं
ममता बनर्जी इसी सप्ताह दिल्ली के दो दिवसीय दौरे पर आयी थी, लेकिन सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं की. पूछे जाने पर ममता ने कहा था कि क्या हर बार सोनिया से मिलना जरूरी है, संविधान में तो ऐसा नहीं लिखा गया. जानकारों के अनुसार ममता बनर्जी को अच्छे से पता है कि अगर 2024 को मोदी बनाम ममता के तौर पर पेश करना है तो उसका रास्ता पहले ममता बनाम सोनिया से होकर जायेगा. अब ममता उसी राह में आगे बढ़ चुकी हैं.
कांग्रेस में टीएमसी के खिलाफ आक्रोश
कांग्रेस में तोड़फोड़ से पार्टी के एक तबके में टीएमसी के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है. मेघालय में कांग्रेस को तोड़े जाने पर पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे अधीर रंजन चौधरी ने बहुत ही तीखी प्रतिक्रिया दी. सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गयी कांग्रेस नेताओं की बैठक में भी यह मामला उठा. बताया जाता है कि बैठक में अधीर रंजन समेत कांग्रेस के कुछ नेताओं ने शीतकालीन सत्र में टीएमसी को साथ न लेने की दलील दी. लेकिन सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी के मामले अपनी जगह, संसद में जनहित और देशहित सबसे ऊपर है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी टीएमसी समेत सभी विपक्षी पार्टियों को साथ लेने की वकालत की. लेकिन टीएमसी ने कांग्रेस को निराश कर दिया है.
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