NewDelhi : उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय को चुनाव आयुक्त बनाये जाने से विवाद हो गया है. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, सीपीआई (एमएल) नेता दीपांकर घोष समेत कई लोगों ने इस फैसले पर विरोध दर्ज कराया है. बता दें कि अनूप चंद्र पांडेय बुधवार को नयी दिल्ली स्थित निर्वाचन सदन कार्यालय में चुनाव आयुक्त का पदभार संभाल लिया.
While our petition seeking a collegium to appoint EC was kept pending w/o hearing, Govt unilaterally appoints Adityanath's handpicked man as EC! All regulatory institutions are being subverted by this govthttps://t.co/oETCN9qKMG
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) June 9, 2021
अनूप चंद्र पांडेय को मंगलवार को निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया है. वह फरवरी, 2024 में 65 साल की आयु पूरा होने पर निर्वाचन आयोग की सेवा से मुक्त होंगे. पांडेय आयोग में दो निर्वाचन आयुक्तों में से एक हैं. उनके अलावा राजीव कुमार भी निर्वाचन आयुक्त हैं. सुशील चंद्रा मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं.
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उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त भी रह चुके हैं
वर्ष 1984 बैच के आईएएस अधिकारी रहे पांडेय निर्वाचन आयोग में आने से पहले राष्ट्रीय हरित अधिकण निगरानी समिति (उप्र) के सदस्य थे. उनके उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव रहने के दौरान प्रयाग राज में कुंभ मेले और राज्य में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया गया था. वह उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास आयुक्त भी रह चुके हैं. खबर है कि योगी आदित्यनाथ की गाय कल्याण योजना को आक्रामक रूप से लागू करने में उनका अहम योगदान था. 30 जून, 2018 को मुख्य सचिव बनने वाले पांडे ने उत्तर प्रदेश में 37 वर्षों तक सेवा की थी और राज्य के लगभग हर हिस्से में किसी न किसी पद पर काबिज थे
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आदित्यनाथ के चुने हुए व्यक्ति को चुनाव आयुक्त बना दिया
प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर लिखा है कि जब चुनाव आयुक्त के चुनाव के लिए कॉलेजियम की हमारी माँग पर सुनवाई तक नहीं हो रही है तब सरकार ने एकतरफा फैसला लेते हुए आदित्यनाथ के चुने हुए व्यक्ति को चुनाव आयुक्त बना दिया है. इस सरकार में सभी नियामक संस्थाओं को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. वहीं दीपांकर घोष ने लिखा उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 से पहले, रिटायर्ड यूपी काडर आईएएस अनूप चंद्र पांडेय को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है.
गुजरात के मुख्य सचिव अचल कुमार को 2015 में चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था
तीन साल पहले योगी आदित्यनाथ ने पांडेय को उत्तर प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी (30 जून 2018 – 31 अगस्त 2019) पद के लिए चुना था. कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव भी उनके नेतृत्व में होने की संभावना है. यह पहली बार नहीं है जब किसी राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले वहां के चीफ सेक्रेटेरी को चुनाव आयुक्त बनाया गया हो. इससे पहले गुजरात के मुख्य सचिव अचल कुमार को 2015 में चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था. 2017 के गुजरात चुनाव उनकी निगरानी में आयोजित किये गये थे. उन पर भाजपा नेताओं के खिलाफ शिकायतों की अनदेखी के आरोप भी लगे थे.