LagatarDesk : कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पूरी दुनिया त्राहिमाम है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण कई राज्यों में लॉकडाउन भी लगाया गया है. लोगों को आवाजाही भी कम हो गयी है. इस बीच रेटिंग एजेंसी ICRA ने गुरुवार को एक रिपोर्ट जारी की है. ICRA ने अनुमान लगाया है कि इस महीने टोल कलेक्शन में 25 से 30 फीसदी की कमी आ सकती है. ICRA ने कहा कि लॉकडाउन का असर नेशनल हाइवे के टोल कलेक्शन पर भी पड़ रहा है. हालांकि रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि जून से स्थिति बेहतर हो सकती हैं. जिससे टोल कलेक्शन में भी बढ़ोतरी होगी.
1 मार्च से 10 मई के आधार पर इक्रा का अनुमान
ICRA ने यह रिपोर्ट 1 मार्च से 10 मई के आधार पर बनायी है. 11 राज्यों के 29 प्रोजेक्ट में हुए टोल कलेक्शन के आधार पर तैयार की गयी है. जिसमें इक्रा मे कहा कि मई में टोल कलेक्शन में गिरावट आयेगी. रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र कोरोना से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. महाराष्ट्र में अप्रैल से ही टोल कलेक्शन में गिरावट आने लगी है. ऐसे तो सभी गाड़ियों से मिलने वाले टोल में कमी आयी है. लेकिन सबसे अधिक कमी यात्री गाड़ियों और बसों से मिलने वाले टोल पर आया है.
छूट के कारण पिछले साल से कम होगा नुकसान
हालांकि इक्रा ने अनुमान लगाया है कि पिछले साल की तुलना में इस साल कम नुकसान होगा. क्योंकि पिछले साल देश में संपूर्ण लॉकडाउन लगाया गया था. हालांकि इस साल मैन्यूफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन गतिविधियों के संचालित होने समेत जरूरी चीजों की आवाजाही के लिए छूट दी गयी है. इसलिए पिछले साल की तुलना में इस साल कम नुकसान होने की संभावना है.
करीब 2455 करोड़ का हो सकता है नुकसान
नेशनल हाईवे से गुजरने वाले वाहनों से टोल टैक्स वसूला जाता है. जिसके जरिये सरकार की अच्छी कमाई होती है. रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में नेशनल हाईवेज पर 26,851 करोड़ का टोल कलेक्शन हुआ था. जबकि एक साल पहले 24,396 करोड़ टोल कलेक्शन हुआ था. ऐसे में सरकार की कमायी में 2,455 करोड़ की कमी आ सकती है.