NewDelhi : नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट गलत अनुमानों के आधार पर तैयार की गयी है. बता दें कि हाल ही में कोरोना के मामलों को लेकर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट सामने आयी थी. उस रिपोर्ट में भारत में सबसे खराब स्थिति में 42 लाख मौतें होने का अनुमान लगाया गया था. अब भारत सरकार ने इन अनुमान को गलत करार दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में तीन संभावित अनुमान जारी किये थे. पहला, हरसंभव कटौती के बाद संभावित संक्रमितों की संख्या 40.42 करोड़ होगी, जबकि संभावित मौंतो का आंकड़ा 600,000 बताया गया था.
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मौतों का आंकड़ा 42 लाख बताया गया था.
एक अधिक संभावित स्थिति को लेकर कहा गया कि संक्रमितों का आंकड़ा 53.9 करोड़ होगा, जबकि मौतों का आंकड़ा 16 लाख होगा. साथ ही सबसे खराब स्थिति में संभावित संक्रमितों का आंकड़ा 70.07 करोड़, जबकि मौतों का आंकड़ा 42 लाख बताया गया था. जान लें कि इन तीनों स्थिति भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से कई ज्यादा है. इस रिपोर्ट में भारत सरकार की तरफ से उपलब्ध कराये गेय 24 मई के आंकड़ों को आधार बनाया गया है, जिसमें कुल मामलों की संख्या 2.69 करोड़ बताई गयी थी. इसमें मौतों की संख्या 3.7 लाख के करीब दर्शायी गयी थी.
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आंकड़ों को छिपाने का कोई सवाल नहीं उठता
डॉ वीके पॉल ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के बारे में कहा कि ये रिपोर्ट आधारहीन है. उन्होंने कहा, हमारे अनुमानों के अनुसार इंफेक्शन फैटलिटी रेट 0.05 फीसदी है जबकि केस फैटलिटी रेट 1.15 फीसदी है, वहीं NYT इस दर को 0.05 फीसदी और 0.6 फीसदी बता रही है जो की 6 फीसदी और 12 फीसदी ज्यादा है. ये रिपोर्ट आधारहीन है. इस क्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि आंकड़ों को छिपाने का कोई सवाल नहीं उठता. शुरुआत से ही हमारी कोशिश थी कि मामलों में पारदर्शिता बरती जाये ताकी हमें स्थिति का पता चले और उसके मुताबिक सही कदम उठा सकें.
राहुल गांधी और प्रियंका ने साधा था निशाना
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस रिपोर्ट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि आंकड़े झूठ नहीं बोलते. प्रियंका गांधी ने भी इस खबर को लेकर ट्वीट करते हुए कहा था कि हम कभी नहीं जान पायेंगे कि कोरोना से मरने वालों का सही आंकड़ा क्या है क्योंकि सरकार ने महामारी से लड़ने से ज्यादा आंकड़े दबाने में मेहनत की है.