NewDelhi : कोरोना वायरस संकट को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि यदि लोग मीडिया के बजाय सोशल मीडिया का रुख करेंगे, तो वहां पायेंगे कि लगभग 100 साल बाद आयी इस वैश्विक महामारी ने हर विकसित देश की व्यवस्था को ध्वस्त कर के रख दिया है. इस क्रम में शाह ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी के अगुवाई वाली राजग सरकार ने कम समय में देश में संक्रमण की दूसरी लहर पर काबू पा लिया.
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नौ चिकित्सा ऑक्सीजन संयंत्रों का ऑनलाइन उद्घाटन
बता दें कि कल गुरुवार को अमित शाह ने गुजरात के कई हिस्सों में सरकारी अस्पतालों में लगाये गये नौ चिकित्सा ऑक्सीजन संयंत्रों का ऑनलाइन उद्घाटन किया. इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंस कर अपने विचार रखे. शाह का कहना था कि पीएम मोदी के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ जंग सफलतापूर्वक लड़ी गयी और 135 करोड़ नागरिकों की मदद से बीमारी का ग्राफ नीचे लाने में कामयाबी मिली. कहा कि अब मरीजों की संख्या कम हो रही है. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की जरूरत 10,000 मीट्रिक टन से घटकर 3,500 मीट्रिक टन पर आ गयी है.
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कोविड-19 का ग्राफ नीचे आ रहा है
यह दिखाता है कि कोविड-19 का ग्राफ नीचे आ रहा है. शाह ने यह भी कहा कि भारत के टीकाकरण अभियान की गति विश्व में सबसे तेज है और यह भविष्य में और गति पकड़ेगा, ताकि कम से कम समय में अधिकतम लोगों को कवर किया जा सके. शाह का मानना था कि सरकार को वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने और मामलों में कमी लाने में सामूहिक प्रयासों से सफलता मिली है. उन्होंने कहा, आपने मीडिया की खबरों में देखा होगा कि बहुत विकसित देशों को भी वैश्विक महामारी से निपटने में संघर्ष करना पड़ा. दूसरी तरफ, हमने यह लड़ाई धैर्य एवं योजना के साथ लड़ी है.
दूसरे देशों से मीडिया में रिपोर्ट्स नहीं थी
शाह के अनुसार दूसरे देशों से मीडिया में रिपोर्ट्स नहीं थी. पर जब आप इलेक्ट्रॉनिक या फिर सोशल मीडिया पर नजर डालेंगे, तब आप देखेंगे कि बहुत विकसित देशों तक में सिस्टम और उससे जुड़े इंतजाम चरमरा गये. शाह ने कहा कि अन्य देशों में केवल सरकारें कोरोना वायरस से लड़ रहीं थी. लेकिन भारत में सरकार के साथ-साथ 135 करोड़ नागरिकों ने भी प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह लड़ाई लड़ी. हमारी सफलता का यही कारण है.
कहा कि गैर सरकारी संगठनों की तारीफ की कहा कि कई एनजीओ ने हर संभव तरीके से लोगों की मदद की, जब प्रवासी पिछले साल अपने घर लौट रहे थे, एनजीओ ने उन्हें खाना, पानी, आश्रय दिया और उनके गंतव्यों तक पहुंचने में मदद की. सरकार अकेले यह सब नहीं कर पाती.
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