LagatarDesk : भारत कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है. कई राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया है. इसके कारण देश की इकोनॉमी को काफी नुकसान हुआ है. इसी बीच देश की जीडीपी को लेकर अच्छी खबर आयी है. वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ रेट 1.3 फीसदी रहने का अनुमान है. एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट इकोरैप में यह अनुमान लगाया गया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2020-21 में इंडियन इकोनॉमी में करीब 7.3 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है. इससे पहले एसबीआई ने वित्त वर्ष 2020-21 में 7.4 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया था.
एनएसओ ने चौथी तिमाही में 1 फीसदी गिरावट का लगाया अनुमान
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) मार्च तिमाही और 2020-21 के लिए जीडीपी का अनुमान 31 मई को जारी करेगा. एनएसओ ने चौथी तिमाही के लिए एक फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया है. जबकि नाउकास्टिंग मॉडल के आधार पर चौथी तिमाही में 1.3 फीसदी जीडीपी ग्रोथ रहने का अनुमान है.
41 हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स के साथ तैयार किया गया गया नाउकास्टिंग मॉडल तैयार
एसबीआई ने स्टेट बैंक इंस्टिट्यूट ऑफ लीडरशिप (एसबीआईएल), कोलकाता के साथ सहयोग में ‘नाउकास्टिंग मॉडल’ विकसित किया है. इसमें इंडस्ट्रियल एक्टिविटीज, सर्विस एक्टिविटीज और ग्लोबल इकोनॉमी के 41 हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर्स पर आधारित है.
25 देशों में 5वीं तेजी से बढती अर्थव्यवस्था
रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रोथ रेट के आधार पर भारत 25 देशों में पांचवीं सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा. वहीं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का अनुमान था कि भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट सामान्य स्थिति में घटकर 9.8 फीसदी रह सकती है. यह तभी संभव है, जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर मई में घटेगी.
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 6 लाख करोड़ का होगा जीडीपी लॉस
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में 6 लाख करोड़ का नॉमिनल जीडीपी लॉस होने का अनुमान है. वहीं वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में करीब 11 लाख करोड़ रुपये का नॉमिनल जीडीपी लॉस हुआ था. रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल और मई 2021 में सभी बैंकों के डिपॉजिट और क्रेडिट में कमी आयी है.