और चीन के बीच 9 वें दौर की हुई बातचीत, 15 घंटे तक चली बैठक
यौन हमले में यौन मंशा से त्वचा से त्वचा का संपर्क होना जरुरी- कोर्ट
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि यौन हमले का अपराध मानने के लिये “यौन मंशा से त्वचा से त्वचा का संपर्क होना” जरुरी है. नागपुर पीठ की न्यायमूर्ति पुष्प गनेडीवाला ने 19 जनवरी को अपने फैसले में कहा है कि किसी नाबालिग के निर्वस्त्र किये बिना, उसके सीने को छूना यौन हमला नहीं कहा जा सकता. ऐसे मामलों को पोक्सो एक्ट के तहत यौन हमले के रुप में परिभाषित नहीं किया जा सकता. इसे भी पढ़ें -शेयर">https://lagatar.in/impaired-sentiment-of-the-stock-market-sensex-broken-300-points-nifty-also-rolled-below-14300/20623/">शेयरबाजार का बिगड़ा सेंटीमेंट, Sensex 300 अंक टूटा, Nifty भी 14300 के नीचे लुढ़का
निचली अदालत ने दी थी 3 साल की सजा
कोर्ट के समक्ष एक मामला आया था, जिसमें 12 साल की एक बच्ची का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में निचली अदालत ने आरोपी को तीन साल की सजा सुनायी थी. आरोपी की उम्र 39 साल है. मामला वर्ष दिसंबर 2016 का है. आरोप है कि सतीश नामक व्यक्ति ने बच्ची को बहाने से अपने घर ले गया. फिर उसके सीने को पकड़ा और निर्वस्त्र करने की कोशिश की. इस मामले में निचली अदालत ने आरोपी को तीन साल की सजा सुनायी थी. इसे भी पढ़ें -कचरा">https://lagatar.in/fire-in-garbage-warehouse-burning-property-worth-millions/20620/">कचरागोदाम में लगी आग, लाखों की संपत्ति जल कर हुई खाक
निर्वस्त्र किये बिना छूना यौन हमला नहीं
हाईकोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि आरोपी ने बच्ची को निर्वस्त्र किये बिना उसके सीने को छूने की कोशिश की. इसलिये यह अपराध यौन हमला नहीं कहा जा सकता. यह अपराध भारतीय दंड विधान की धारा 354 के तहत महिला के शील को भंग करने का अपराध है. उल्लेखनीय है कि इस धारा के तहत हुए अपराध में आरोपी को न्यूनतम एक साल की सजा का प्रावधान है. जबकि पोक्सो एक्ट के तहत आरोपी को कम से कम तीन साल की सजा का प्रावधान है. इसे भी पढ़ें -दिल्ली">https://lagatar.in/lalus-health-is-improving-in-delhi-aiims-admitted-to-critical-care-unit/20606/">दिल्लीएम्स में सुधर रही लालू की सेहत, क्रिटिकल केयर यूनिट में हैं भर्ती

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