New Delhi : ब्रिटिश विशेषज्ञों ने बोत्सवाना में सामने आये एक नये कोविड वैरिएंट पर ‘खतरे की घंटी’ बजाई है, जो अभी तक वायरस का सबसे म्यूटेड वर्जन है. अभी तक इस स्ट्रेन के सिर्फ 10 मामले सामने आए हैं, जिसे ‘Nu’ नाम दिया जा सकता है. लेकिन इसे पहले ही तीन देशों में देखा जा चुका है जो यह सुझाव देता है कि वैरिएंट अधिक व्यापक है. इसमें 32 म्यूटेशन होते हैं, जिनमें से कई बेहद टीका-प्रतिरोधी और संक्रामक हैं. इस वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में किसी भी अन्य प्रकार की तुलना में अधिक बदलाव होता है. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एक जेनेटिसिस्ट प्रफेसर फ्रेंकोइस बलौक्स ने कहा कि यह संभवतः एक ‘प्रतिरक्षाविहीन रोगी’ में एक लंबे समय तक चलने वाले संक्रमण के रूप में उभरा होगा, संभवतः अज्ञात एड्स वाला कोई व्यक्ति. स्पाइक में बदलाव से मौजूदा टीकों के लिए वायरस के खिलाफ लड़ना मुश्किल हो जाता है क्योंकि वे वायरस के पुराने वैरिएंट से लड़ने के लिए शरीर को ट्रेनिंग देते हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को लिखी चिट्ठी
वहीं, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका ने केंद्र सरकार को भी अलर्ट कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को 13 राज्यों को चिट्ठी लिखकर कोरोना टेस्टिंग की घटती तादाद पर चिंता जताते हुए इसमें तेजी लाने की अपील की है. चिट्ठी में कहा गया है कि पिछले कुछ दिनों में बंगाल सहित कई राज्यों में संक्रमण दर बढ़ रही है. स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने पत्र में लिखा कि टेस्टिंग ठीक से नहीं की गई तो लोगों में संक्रमण फैलने का सही अनुमान लगाना मुश्किल होगा. उन्होंने बंगाल के स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव स्वरूप निगम को पत्र लिखकर कहा कि जून 2021 तक रोजाना औसतन 67,644 टेस्ट किए जा रहे थे लेकिन इन्हें अब घटाकर 22 नवंबर तक 38,600 टेस्ट कर दिया गया है.
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अब तक का सबसे बदतर होने की क्षमता
इंपीरियल कॉलेज के एक वायरोलॉजिस्ट डॉ टॉम पीकॉक, जिन्होंने सबसे पहले इसके प्रसार पर ध्यान दिया, ने वेरिएंट के म्यूटेशन के संयोजन को ‘भयानक’ बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि बी.1.1.1.529, इसका वैज्ञानिक नाम, डेल्टा सहित किसी भी अन्य चीज से ‘बदतर’ होने की क्षमता रखता है. डेलीमेल से बात करते हुए वैज्ञानिकों ने बताया कि इसके म्यूटेशन्स की अधिक संख्या इसके खिलाफ काम कर सकती है और इसे ‘अस्थिर’ बना सकती है, जिससे इसे फैलने से रोका जा सकता है.
कहां-कहां सामने आए मामले
उन्होंने कहा कि ज्यादा घबराने की बात नहीं है क्योंकि अभी तक ऐसे संकेत नहीं मिले हैं जो इसके तेजी से फैलने की ओर संकेत करते हों. बोत्सवाना में अब तक तीन और दक्षिण अफ्रीका में छह संक्रमणों का पता चला है. एक मामला हांगकांग में भी सामने आया है. फिलहाल ब्रिटेन में कोई मामला नहीं है लेकिन यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए है. प्रधानमंत्री के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान में यूके के लिए वैरिएंट को ‘किसी बड़े मुद्दे’ की नजर से नहीं देखा जा रहा है.
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