Ranchi : सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड में नियुक्ति घोटाला मामले में मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन की टीम ने छापेमारी की जानकारी के मुताबिक मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन की टीम ने मंगलवार को रांची के ब्राम्बे स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड के कैंपस पहुंचकर छापेमारी की. सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर नंद कुमार यादव पर अपने रिश्तेदारों को गलत तरीके से यूनिवर्सिटी में नौकरी देने का आरोप लगा है. इसी मामले की जांच मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन की टीम करने पहुंची थी.
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क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड में नियुक्ति घोटाला का मामला सामने आया है. जून 2017 से लेकर अगस्त 2020 के बीच होने वाली नियुक्तों पर विवाद शुरू हो गया था. जिसमें कुल 62 नन टीचिंग व 50 टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति हुई है. ज्यादातर नियुक्तियां तत्कालीन कुलपति नंद कुमार यादव (इंदु )के कार्यकाल में हुई है. मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन को नियुक्तियों में अनियमितता, गाइडलाइन की अनदेखी सहित कई शिकायत मिली थी. सेंट्रल विजिलेंस कमिशन, सीवीसी ने पूरे मामले की विस्तृत जांच कराने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन विभाग को पत्र लिखा था.
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अगस्त 2015 को नंद कुमार यादव कुलपति बने.
बता दें कि 1 मार्च 2009 से 28 फरवरी 2014 तक कुलपति के पद पर डीटी खटिंग थे. जिसके बाद 1 मार्च 2014 से 31 जुलाई 2015 तक एक्टिंग कुलपति के पद पर एएन मिश्र रहे. 1 अगस्त 2015 को नंद कुमार यादव कुलपति बने. केंद्रीय विश्वविद्यालय में कई टिचिंग और नन टिचिंग पदों पर नियुक्ति की गई. जिसके बाद यह कहा जाने लगा कि इन पदों पर नियुक्त हुए ज्यादातर लोग कुलपति नंद कुमार यादव के रिश्तेदार और जान पहचान के लोग है.
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