- बारिश से सतह का वातावरण भी मानसून के अनुकूल नहीं
Ranchi : लंबे समय से एक्टिव प्री मानसून और पिछले 24 घंटों के दौरान हुई बारिश आने वाले मानसून को प्रभावित कर सकते हैं. राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान लगातार बारिश से यह स्थिति बनी है. कहीं-कहीं भारी बारिश हुई है. राज्य में एक मई के बाद से ही बादल छाए हुए हैं और कमोबेश बारिश हो रही है. इससे तापमान का पारा सामान्य से नीचे है. गर्मी का असर कम है. इससे झारखंड में मानसून को प्रवेश करने में अड़चन आ सकती है.
मई महीने के दौरान भीषण गर्मी पड़ती है और गर्म हवा का प्रभाव रहता है. गर्म हवा सतह के ऊपरी वायुमंडल में होती है. मानसून के दौरान बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाओं के लिए यह स्थिति बेहद अनुकूल मानी जाती है. ऐसी स्थिति होने पर मानसून को खाड़ी से होकर सतह पर प्रवेश करने में मददगार साबित होती है. लेकिन इस बार भीषण गर्मी का दौर अब तक नहीं आया है.
24 घंटे के दौरान झारखंड-बिहार में अच्छी बारिश हुई
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक आम तौर पर झारखंड में प्री मानसून के बादल छोटी अवधि के लिए बरसते हैं. यह बारिश भी छोटे क्षेत्र में होती है, लेकिन पिछले 24 घंटों में न केवल झारखंड बल्कि बिहार और प. बंगाल के हिस्सों में भी अच्छी बारिश हुई है. पिछली रात से सुबह तक कई हिस्सों में झमाझम बारिश हुई. राजमहल और कोडरमा में तो भारी बारिश दर्ज की गई. इन स्थानों पर 55.0 से 60.0 मिमी बारिश दर्ज की गई. इसके अलावा राज्य के हर हिस्से में यह बारिश हुई. गोड्डा, देवघर, दुमका, धनबाद, बोकारो से लेकर रांची से जमशेदपुर तक बारिश हुई. इस बारिश से राज्य में अगले चार दिनों तक तापमान सामान्य के करीब होगा. जबकि अच्छे मानसून के लिए इस समय सतह पर अच्छी गर्मी की जरूरत है.
चक्रवातीय तूफान के भी संकेत
दक्षिणी पश्चिमी मानसून आने से पूर्व अरब सागर में चक्रवातीय तूफान के बनने का संभावना है. यह 16 मई तक तूफान का रूप ले सकता है. अंडमान सागर में मानसून की प्रक्रिया इससे धीमी हो सकती है. मौसम के अनुसार तूफान के बनने में आठ से 10 दिन की भी देरी होती तो मानसून को आगे बढ़ने में मदद मिलती. पिछले साल भी वायू तूफान ने मानसून के देश के उत्तरी हिस्से पर बढ़ने से रोक दिया था. यह तूफान 17 जून 2020 को अरब सागर में आया था.
इस बारे में मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान अच्छी बारिश हुई है. यह पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण हुआ. इसे खाड़ी से आ रही हवाओं से मदद मिली. अरब सागर में भी एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है. यह चक्रवातीय तूफान का रूप लेगा. यह कुछ और देर से बनता तो मानसून को प्रवेश करने में मदद मिलती. उन्होंने कहा, बावजूद इन वजहों से आने वाले मानसून पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा. मानसून एक बहुत ही बड़ा सिस्टम होता है.