Vinit upadhyay

Ranchi/Garhwa: गरीब ग्रामीणों का हक मारकर अपने परिवार वालों को दे दिया सभी सरकारी योजनाओं का लाभ
पद और पावर मिलते ही कुछ लोगों की चाल बदल जाती है. फिर चाहे वह मंत्री, सांसद और विधायक हो या फिर छोटे से पंचायत का मुखिया. गढ़वा जिले के चिनियां प्रखंड के बरवाडीह में ऐसे ही एक मुखिया जी हैं, जो अपनी दबंगई के कारण चर्चा में हैं. एक छोटे से झोपड़ी में नीतेश सिंह जब मुखिया के चुनाव में खड़े हुए, तब पंचायत के हर घर में हाथ जोड़कर पहुंचे थे. जनता जनार्दन ने कृपा बरसा कर उन्हें मुखिया बना दिया. इसके बाद नीतेश ने कल्याण करना शुरू कर दिया, लेकिन जनता का नहीं, सिर्फ अपना और अपने परिवार का. लगातार दो बार मुखिया बने और झोपड़ी के सामने दो मंजिला बंगला लिया. पद और पावर का इस्तेमाल कर बंगला बनाने तक तो ठीक है, लेकिन मुखिया जी अब दबंगई पर उतर आये हैं. हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में फायरिंग कर वे सुर्खियों में आये हैं.
पिता की जमीन पर लगवा दी सरकारी डीप बोरिंग
नितेश सिंह को सूबे के एक मंत्री का करीबी बताया जाता है. चर्चा ये भी है कि बालू के अवैध कारोबार में भी इनकी संलिप्तता है. दो बार मुखिया चुने गए नितेश सिंह पर सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी और सरकारी योजनाओं का फायदा अपने पारिवारिक सदस्यों के बीच पहुंचाने का भी प्रमाण है. बरवाडीह पंचायत के मुखिया बनने के बाद नितेश सिंह ने सरकारी योजना से लगने वाली डीप बोरिंग अपने पिता की ज़मीन पर ही करवा दी.
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70 वर्षीय पिता समेत परिवार के सभी सद्स्यों का बन गया जॉब कार्ड
इतना ही नहीं मुखिया रहते हुए उन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों का मनरेगा कार्ड बनवा दिया और समय समय पर उससे राशि की निकासी भी की जाती है. सबसे आश्चर्यजनक बात ये है कि मुखिया नितेश सिंह के पिता जिनकी उम्र लगभग 70 वर्ष है उनका भी जॉब कार्ड बना हुआ है, जबकि 60 वर्ष तक के लोगों का ही जॉब कार्ड बनाये जाने का प्रावधान है. इनके कारनामे और भी हैं. दो बार मुखिया रहते हुए इन्होंने अपने परिवार के सभी सदस्यों के नाम पर राशन कार्ड भी बनवा लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि मुखिया जी पहले खपरैल घर में रहते थे. आखिर अचानक इतना पैसा कहां से आ गया कि दो मंजिला मकान ठोंक दिया.
