Darbhanga : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत चार दिवसीय बिहार दौरे पर है. सोमवार को वो दरभंगा में ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी कैंपस में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिये. कार्यक्रम में विश्विवद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह भी शामिल हुए. कुलपति आरएसएस के नियम कायदों का पालन करते हुए देखे गये. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है. भले ही वह वर्तमान में किसी और धर्म से जुड़ा हो. उनके पूर्वज हिंदू ही थे.
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संघ का सपना सबको एक साथ जोड़कर रखना
मोहन भागवत ने बिना किसी धर्म का नाम लेते हुए कहा कि महिलाओं का सम्मान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि संघ का सपना सबको एक साथ जोड़कर रखना हैं. एक ऐसा भारत बने जिसमें आरएसएस की जरूरत ही न पड़े. उन्होंने लोगों से संघ से जुड़ने की अपील भी की. मोहन भागवत ने कहा कि देश की आजादी के लिए लड़ने वालों ने यह दिखाया कि अलग-अलग विचारधारा वाले लोग कैसे एक साझा उद्देश्य के लिए एकसाथ आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि भारत की प्राचीन सभ्यता हमेशा सार्वभौमिक कल्याण के लिए खड़ी हुई है.
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यूनिवर्सिटी में अब नफरत की पाठशाला चलेगी
वहीं कुलपति के आरएसएस के नियम कायदों का पालन करने पर AIMIM कार्यकर्ताओं ने हमला बोला है. AIMIM ने सवाल उठाया कि क्या ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी में अब नफरत की पाठशाला चलेगी. इस नफरत की पाठशाला में कुलपति भी क्लास लेने जाते हैं.आरएसएस विचारधारा के विपरीत सोच रखने वाले छात्रों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
सीएम से कुलपति की बर्खास्तगी की मांग की
AIMIM के सदस्य नजरे आलम ने कहा कि मोहन भागवत कहते हैं कि वह मोहब्बत की पाठशाला चलाते हैं. लेकिन दरभंगा के शिक्षण संस्था में आकर मोहन भागवत नफरत की पाठशाला चला रहे हैं. नजरे आलम ने बिहार सरकार से सवाल करते हुए कहा कि क्या ललित नारायण मिथिला विश्विद्यालय में आरएसएस की पाठशाला चलेगी? उन्होंने कहा कि हम बिहार और मिथिलांचल में ऐसा नहीं होने देंगे. उन्होंने सीएम से कुलपति की बर्खास्तगी की मांग करते हुए नागपुर भेजने की बात कही है. ऐसे कुलपति से देश को नुकसान भी होगा, जो किसी खास विचारधारा को मानते हैं.
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