Mumbai : 18 नवंबर को अचानक खबर आई कि लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने के लिए मोरेटोरियम लगा दिया गया है और बैंक से निकासी की सीमा घटाकर 25,000 रुपये कर दी गई है. अब बैंक के कामकाज को हाथ में लेने वाले एडमिनिस्ट्रेटर ने कहा है कि बैंक को खस्ता हालत से उबारने के लिए मोरेटोरियम खत्म होने के पहले ठोस प्लान तैयार किया जाएगा. साथ ही लक्ष्मी विलास बैंक का विलय डीबीएस इंडिया के साथ कराया जाएगा और उन्हें विश्वास है कि ये सफलतापूर्वक हो सकेगा. उन्होंने सफाई दी कि डिपॉजिटर्स को डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है. एडमिनिस्ट्रेटर ने बैंक की वित्तीय हालात के बारे में जानकारी दी. बताया गया कि फिलहाल बैंक के 4100 कर्मचारी हैं और बैंक कीं 563 ब्रांच कामकाज कर रही हैं. पिछले सालों में बैंक को हुए भारी घाटे की वजह से बैंक की एसेट क्वालिटी पर असर हुआ है. बैंक को सितंबर 2019 में प्रॉम्प्ट करेक्टिन एक्शन (PCA) में भी डाला गया था.
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मोरेटोरियम खत्म होने के पहले तैयार होगा ठोस प्लान
एडमिनिस्ट्रेटर ने आश्वस्त किया है कि मोरेटोरियम खत्म होने से पहले बैंक को संकट से निकालने की ठोस योजना तैयार की जाएगी. लेकिन उसके पहले ही बैंक की ब्रांच और एटीएम पहले की तरह काम करना शुरू कर देंगे, ये प्राथमिकता पर किया जाएगा.
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DBS बैंक इंडिया से होगा विलय
एडमिनिस्ट्रेटर ने कहा है कि लक्ष्मी विलास बैंक का विलय डीबीएस इंडिया के साथ कराया जाएगा और उन्हें विश्वास है कि ये सफलतापूर्वक हो सकेगा. फिलहाल जो भी लक्ष्मी विलास बैंक के कर्मचारी हैं वे डीबीएस बैंक इंडिया के कर्मचारी के तौर पर काम करेंगे. जब तक दोनों बैंकों का विलय नहीं हो जाता तब तक बैंकों जैसे कामकाज कर रहे हैं वैसे ही करते रहेंगे. एडमिनिस्ट्रेटर ने कहा है कि वो रिजर्व बैंक के साथ लगातार संपर्क में है और सुनिश्चित कर रहे हैं कि कैश की कमी न आए. बैंक को पूरा विश्वास है कि वो कस्टमर्स के द्वारा सीमा के तहत जो भी निकासी की मांग की जाएगी उसको पूरा करेंगे.
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