LagatarDesk : भारत में क्रिप्टोकरेंसी का मुद्दा काफी दिनों से चल रहा है. आज इसको लेकर अहम फैसला हो सकता है. पीएम मोदी की अगुआई में आज दोपहर 3 बजे संसद की स्थाई समिति की बैठक होगी. स्थाई समिति ने क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े इंडस्ट्री प्लेयर्स को बातचीत के लिए बुलाया है. संसद की स्थाई समिति की बैठक के बाद पता चसेगा कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बैन किया जायेगा या फिर इसे ट्रेडिंग की परमिशन मिलेगी.
क्रिप्टोकरेंसी बिल को लेकर हो सकती है चर्चा
बता दें कि पीएम मोदी की अगुवाई में बीते हफ्ते 13 नवंबर को भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बैठक हुई थी. बैठक में विभिन्न देशों और दुनियाभर के विशेषज्ञों से इस बारे में परामर्श के बाद चर्चा की गयी थी. लेकिन आज फिर इस मुद्दे को लेकर संसदीय कमेटी बैठक करने जा रही है. रिपोट्स की मानें तो शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विधेयक पेश कर सकती है. इसी को लेकर आज बैठक में चर्चा होगी.
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आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को बताया गंभीर चिंता का विषय
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता को लेकर सवाल खड़े किये हैं. शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी के खतरों को लेकर निवेशकों को आगाह किया है. उन्होंने फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिहाज से क्रिप्टोकरेंसी को एक बहुत ही गंभीर चिंता का विषय बताया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी लॉन्ग टर्म में देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा है. एक रेगुलेटर के तौर पर आरबीआई के सामने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई तरह की चुनौतियां हैं.
सेंट्रल बैंकों के दायरे में नहीं आती है डिजिटल करेंसी
शक्तिकांत दास ने कहा कि डिजिटल करेंसी दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों के दायरे में नहीं आती है. शक्तिकांत दास ने कार्यक्रम में कहा कि क्रिप्टोमार्केट में निवेशकों की संख्या को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है. बड़ी संख्या में निवेशक क्रिप्टोकरेंसी में केवल 1,000 या 2,000 रुपये लगाये हैं.
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भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास है क्रिप्टोकरेंसी
आपको बता दें कि Broker Chooser की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 10 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है. यह दुनिया में सबसे ज्यादा है. इस मामले में इसने अमेरिका, चीन, इंग्लैंड और यूरोप के अन्य देशों को काफी पीछे छोड़ दिया है. इस लिस्ट में भारत पहले नंबर पर है. उसके बाद अमेरिका और रूस का नंबर आता है.
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