LagatarDesk : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करने वाली हैं. आगामी बजट से पहले इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) ने एक खास मांग की है. संगठन ने टैक्स-फ्री फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम का लॉक-इन पीरियड घटाने की मांग की है. बैंकों ने एफडी की अवधि को पांच साल से घटाकर तीन साल करने की अपील की है. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को टैक्स छूट का लाभ मिल सके. साथ ही डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा मिल सके.
वर्तमान समय में पांच साल के एफडी पर मिलती है टैक्स में छूट
बैंकों एसोसिएशन का मानना है कि सरकार अग उनकी मांग पूरी करती है तो आम लोगों के साथ-साथ बैंकों को भी फायदा होगा. आपको बता दें कि वर्तमान समय में एफडी का लॉ-इन पीरियड पांच साल है. यानी जो लोग पांच साल के लिए एफडी कराते केवल उन्हें ही आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है.
इसे भी पढ़े : जमानत मिल जाने के बाद भी जेल से बाहर नहीं निकल पा रहे अभियुक्त
ELSS की अवधि कम होने के कारण लोग कर रहे ज्यादा निवेश
इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) का मानना है कि ELSS का लॉक-इन पीरियड कम है. जबकि टैक्स-फ्री एफडी की अवधि अधिक है. इसलिए लोग एफडी की तुलना में ईएलएसएस में निवेश करना पसंद करते हैं. ईएलएसएस का लॉक-इन पीरियड सिर्फ 3 साल है. जबकि एफडी की अवधि पांच साल की है. अगर सरकार इसके लॉक इन पीरियड को घटा देती है तो डिपॉटिर्स के लिए यह स्कीम आकर्षक होगी और बैंकों में फंड बढ़ेगा. लोग अधिक से अधिक बैंकों के एफडी में पैसा जमा करेंगे.
इसे भी पढ़े : महाभारत के कृष्ण नीतीश भारद्वाज और स्मिता के रास्ते हुए अलग, 12 साल के रिश्ते का द एंड
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80C के तहत मिलता है फायदा
इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ लेना है तो 5 साल के टैक्स सेविंग एफडी में निवेश करना जरूरी होगा. सेक्शन 80C में 1.5 लाख तक के निवेश पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. एसोसिशन का कहना है कि आम जनता बैंकों में पैसा रखना ज्यादा सुरक्षित मानते हैं. वे बैंकों की टैक्स-फ्री एफडी स्कीम में निवेश तो करना चाहते हैं. लेकिन लॉक-इन पीरियड ज्यादा होने के कारण वो इसमें निवेश नहीं करते हैं. ऐसे में अगर सरकार आईबीए की मांग मान लेती हैं तो बैंक टैक्स-फ्री एफडी में लोग ज्यादा निवेश करेंगे.
इसे भी पढ़े : देश में लगातार तीसरे दिन कोरोना मामलों में आयी गिरावट, 24 घंटे में मिले 2.38 लाख नये मरीज