Deoghar : इस बार 1 मार्च को महाशिवरात्रि है. बैद्यनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि को लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है. इस बार तिथि और दिन के महासंयोग के कारण श्रद्धालुओं की अपार भीड़ जुटने की संभावना है. महशिवरात्रि के पावन अवसर पर बाबा मंदिर में जलाभिषेक का खास महत्व है. जानकारों की राय में बाबाधाम में शिव और शक्ति दोनों की पूजा होती है. इस तीर्थ क्षेत्र में द्वादश ज्योतिर्लिंग स्थित है, जिसे कामना ज्योतिर्लिंग के रूप में भी जाना जाता है. शास्त्रों में वर्णित है कि यहां माता सती के हृदय और भगवान शिव की आत्मलिंग अर्थात् दोनों का सम्मिश्रण है.
यही कारण है कि यहां स्थित ज्योतिर्लिंग की महिमा का पुराणों में भी गुणगान किया गया है. बाबा मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन शिव-पार्वती विवाहोत्सव मनाया जाता है. यही वजह है कि यहां भगवान भोलेनाथ पर शिवरात्रि के दिन सिंदूर चढ़ाने प्राचीन परंपरा है. महाशिवरात्रि के दिन वैदिक रीति-रिवाज और मंत्रोच्चारण के साथ भोलेनाथ की चतुष्प्रहर पूजा की जाती है. इस बार मंगलवार को महाशिवरात्रि पड़ने से इसका धार्मिक महत्व और भी बढ़ गया है. जानकर इसे सिद्ध योग बता रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि तिथि और दिन के इस महासंयोग पर भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
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