Vijay Kumar Gope
Ranchi: झारखंड में बर्ड फ्लू के संभावित खतरे को लेकर पशुपालन विभाग और कांके वेटनरी ने तैयारी कर ली है. नवंबर और दिसंबर में होने वाले पक्षियों की मौत को लेकर कई तरह की भ्रांतियां देखने को मिलती है. इसी को लेकर विभाग कुकुटों का सैंपल लेकर जांच के लिए कोलकाता के लैब दिसंबर में भेजेगी. जाड़े की शुरुआत होते ही देशभर में नवंबर और दिसंबर में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने लगते हैं. तापमान कम हो जाने के कारण आद्रता बढ़ जाती है. इसके कारण बर्ड फ्लू होने की संभावना रहती है. यही करण है कि हाल के दिनों में पक्षियों के मरने की सूचना मिलती है.
रांची के कांके निदेशक डॉ. विपिन मथहा ने बताया कि बर्ड फ्लू के संभावित खतरे के मद्देनजर सभी जिला कुकुट पदाधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है. वर्ष 2018 में गोंडा में बर्ड फ्लू के कन्फर्म केस मिलने के बाद अब तक कोई नया मामला इन 4 वर्षों में नहीं आया है. लेकिन संभावित खतरे के मद्देनजर झारखंड के सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. निदेशक ने बताया कि पोल्ट्री फार्म से 7000 से 8000 के करीब बर्ड फ्लू का सैंपल जांच के लिए कोलकाता भेजा जा रहा है, ताकि समय रहते संभावित खतरे को टाला जा सके.
अफवाह के कारण व्यवसाय में होता है काफी नुकसान
वहीं पोल्ट्री फार्म से जुडे़ व्यवसायी रमेश कुमार ने कहा कि नंवबर-दिसंबर में हर साल बर्ड फ्लू की अफवाह फैल जाती है. जिसके कारण व्यवसाय में काफी नुकसान उठाना पड़ता है. सरकार इस पर समय रहते इस अफवाह से जनता को अवगत करा लेती है तो हम व्यवसायियों को नुकसान से बचाया जा सकता है, क्योंकि यह शादी-विवाह का सीजन होता है.
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