Saraikela : सरस्वती शिशु मंदिर उच्च विद्यालय प्रांगण में विभाग स्तरीय संस्कृति महोत्सव आयोजित किया गया. महोत्सव में सरायकेला संकुल, चाईबासा संकुल, घाटशिला, बागबेड़ा और जगन्नाथपुर संकुल के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भाग लिया. संकुल स्तरीय प्रतियोगिता में सफल प्रतिभागियों ने ही विभाग स्तरीय प्रतियोगिता में यहां हिस्सा लिया. कार्यक्रम का शुभारंभ जमशेदपुर विभाग के विभाग प्रमुख सह चाईबासा शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य श्रीकृष्ण सिंह, सरायकेला विद्यालय प्रबंधकारिणी के सचिव रमानाथ आचार्य, सामाजिक समरसता प्रमुख विजय लाल, प्रधानाचार्य पार्थसारथी आचार्य, चाकुलिया के प्रधानाचार्य कमला कांत प्रमाणिक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन एवं भारत माता के वंदन से किया.
ऐसे आयोजनों से सांस्कृतिक वातावरण बनता है
मौके पर प्रधानाचार्य पार्थ सारथी आचार्य ने कहा कि इस तरह के आयोजन से भारतीय संस्कृति और धर्म के प्रति गहरी रुचि बनी रहती है. बच्चों में एक सांस्कृतिक वातावरण उत्पन्न होता है. श्रीकृष्ण सिंह ने प्रतियोगिता की नियमावली के बारे में सभी को जानकारी दी. विद्यालय के सचिव रमानाथ आचार्य ने कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं के आयोजन से बच्चों के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ समाज और देश का विकास सुनिश्चित होता है. प्रतियोगिता के अंतर्गत शिशु वर्ग और बाल वर्ग के लिए कथा-कथन प्रतियोगिता, किशोर वर्ग के लिए तत्कालिक भाषण प्रतियोगिता एवं आचार्य वर्ग के लिए पत्र-वाचन प्रतियोगिता आयोजित की गई. प्रतियोगिता में सरायकेला शिशु मंदिर के अलावा चाईबासा, चाकुलिया, बिरसा नगर, शास्त्री नगर, जगन्नाथपुर, नोआमुंडी, सीनी, पिलका के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया.
सफल प्रतिभागी किये गए पुरस्कृत
प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी को पुरस्कार के साथ प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. कार्यक्रम में सामाजिक समरसता प्रमुख विजय लाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया. विद्यालय के आचार्य रंजन पति के शांति पाठ के साथ प्रतियोगिता का समापन किया गया.मौके पर कई उपस्थित थे.
इन्हें किया गया पुरस्कृत
शिशु वर्ग में
प्रथम: अंजलि हांसदा सिनि, द्वितीय: आयशा कुमारी शास्त्री नगर, तृतीय: अष्टमी महतो सरायकेला और श्रुति कुमारी चाईबासा
बाल वर्ग में
प्रथम: राखी महंती नवामुंडी, द्वितीय: अंकिता अग्रवाल चाईबासा, तृतीय: अंकिता मिश्रा सरायकेला
किशोर वर्ग में
प्रथम: स्नेहा दंडपात घाटशिला, द्वितीय: नितीश महतो सरायकेला, तृतीय: नियति पोद्दार नोआमुंडी.
आचार्य वर्ग में
प्रथम: जयप्रकाश पाणीग्राही सरायकेला, द्वितीय: आशा गोस्वामी सरायकेला और तृतीय: रवि भूषण सिंह नोआमुंडी ने प्राप्त किया.