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Ranchi : राज्य में विभागों की लापरवाही लगातार सामने आ रही है. अब पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को ही ले लें. केंद्र सरकार की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत नयी योजना ‘जल जीवन मिशन’ लायी गयी है. इसमें कई विषयों पर काम किया जाना है. केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय की ओर से 24 फरवरी को आदेश जारी किया गया. इसमें जिक्र है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत कार्य कर चुके लोगों को रिप्लेस नहीं किया जाये. बावजूद इसके झारखंड सरकार के पेयजल स्वच्छता विभाग की ओर से चार जून को एक पत्र निकाला गया. इसमें कहा गया है कि जल जीवन मिशन की लक्ष्य प्राप्ति के लिए कर्मियों की नियुक्ति की जाये. कर्मियों की कमी के कारण लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हो पा रही है. यह पत्र राज्य एसबीएस निदेशक की ओर से सभी उपायुक्तों को लिखा गया है. बता दें कि राज्य में स्वच्छ भारत मिशन के तहत लगभग 1118 लोग कार्यरत है.
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क्या लिखा है केंद्र सरकार की ओर से जारी पत्र में
केंद्र मंत्रालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि जल जीवन मिशन स्वच्छ भारत अभियान के तहत संचालित है. ऐसे में स्वच्छ भारत मिशन में कार्यरत प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट का उपयोग करते हुए लक्ष्य की प्राप्ति की जाये. अगर जरूरत पड़े, तो राज्य सरकार अतिरिक्त कर्मियों की बहाली कर सकती है. पत्र में स्पष्ट लिखा है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत कार्यरत कर्मियों को रिप्लेस नहीं किया जाये. इनके अनुभव और तकनीकी ज्ञान का मिशन में उपयोग किया जाये. पत्र में लिखा है कि प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट बनाने का अर्थ लोगों को रिप्लेस करना नहीं है. जिक्र है कि जरूरत पड़ने पर तकनीकी पदों पर अतिरिक्त नियुक्ति की जाये.
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नियुक्ति के संबध में जारी होते रहे पत्र
इस योजना की शुरूआत 2019 में की गयी. कोरोना महामारी के कारण योजना में देर होती गयी. केंद्रीय मंत्रालय की ओर दो फरवरी 2021 में आदेश दिया गया. वहीं एक अप्रैल 2021 और फिर चार जून को इस संबध में पत्र लिखा गया. पत्र एसबीएम निदेशक ने उपायुक्तों को लिखा, जिसमें प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट के गठन और कर्मियों की नियुक्ति की बात की गयी. बता दें कि जल जीवन मिशन स्वच्छ भारत मिशन का दूसरा फेज है. इसके तहत सॉलिड लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट समेत कई विषयों पर काम करना है. मिशन की समयावधि 2019 से 2024 तय है.
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कौन-कौन से पद हैं जल जीवन मिशन में
फेज दो के तहत तकनीकी ऑफिसर, जो प्रत्येक अंचल में होंगे. वाटर को-ऑर्डिनेटर प्रत्येक जिला में, एचआरडी, आईसी कंसल्टेंट, स्टेट कंसल्टेंट समेत अन्य पद हैं. इसमें में कुछ पद फेज वन में भी थे.
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एसबीएम के कर्मियों दिया जा रहा 3-3 माह का एक्सटेंशन
राज्य के इस आदेश के बाद स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण अनुबंध कर्मचारी संघ इसका विरोध कर रहा है. सोशल मीडिया पर इसे देखा जा सकता है. अनुबंध कर्मियों से बात करने से जानकारी मिली कि सरकार ने उनसे काम तो लिया, लेकिन 2019 से उन्हें तीन-तीन महीना का एक्सटेंशन दिया जा रहा है. इस बार फिर मार्च से 30 जून तक का एक्सटेंशन मिला है, जबकि केंद्र ने दूसरे फेज में भी उनसे काम लेने का आदेश दिया है. इस योजना के लिए देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 40 हजार 700 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
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