Jamshedpur : जमशेदपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित मंदिरों के पुरोहित और पुजारियों ने बुधवार को डीसी कार्यालाय के सामने प्रदर्शन किया. पुजारियों की मांग है कि झारखंड सरकार जल्द मंदिरों को खोले. इससे देवी-देवताओं की नियमित पूजा के अलावा अन्य धार्मिक कार्यक्रम हो सकेंगे. धर्म रक्षा पुरोहित महासंघ के उपाध्यक्ष सह सोनारी मंदिर के पुजारी दिलीप पांडे ने बताया कि पंडित व पुरोहित भुखमरी के कगार पर हैं. अब भूखे मरने या आत्मदाह करने के सिवाए कोई दूसरा रास्ता नहीं है. झारखंड में विडंबना है कि यहां मदिरालय खुले हुए हैं, लेकिन देवालय और विद्यालय बंद हैं. उन्होंने कहा कि सभी पड़ोसी राज्यों में कोरोना नियमों के तहत मंदिर एवं धार्मिक संस्थान खुल गए हैं. लेकिन झारखंड सरकार के विवेक पर ताला लगा हुआ है.
शहर में शंख बजाकर शुरू होगा आंदोलन
दिलीप पांडे ने कहा कि यह सरकार सनातन संस्कृति पर कुठाराघात कर रही है. मंदिर एवं धार्मिक संस्थान बंद होने से पुजारियों के समक्ष रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. जो भी बचत कर रखा गया था, वह इस कोरोना काल में खत्म हो गया है. पंडित सुदामा मिश्र ने बताया कि जमशेदपुर में 2000 से अधिक पंडित और पुरोहित हैं, जिनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. जल्द ही शहर भर में शंख बजाकर आंदोलन की शुरुआत की जाएगी. इसके तहत जनप्रतिनिधियों की कार्यालय और आवास में सामूहिक आत्मदाह किया जाएगा. प्रदर्शन में टेल्को आजाद मार्केट मंदिर, प्लाजा मार्केट की स्थिति राधिका कृष्ण मंदिर, खड़ंगाझाड़ मंदिर के पुजारियों के अलावा पंडित विजय झा, रमाशंकर मिश्रा, सतीश झा, अप्पू तिवारी आदि शामिल थे.