Nirsa : जीवन में आने वाली समस्याओं से घबराएं नहीं. धैर्य रखें, सफलता जरूर मिलेगी. यह बातें सुल्तानगंज स्थित अजगैबीनाथ मंदिर के महंत स्वामी प्रेमानंद गिरि महाराज ने कहीं. कालाडीह शिव मंदिर में अपने प्रवचन के दूसरे दिन 23 नवंबर को उन्होंने कहा कि पाप एक तरह का अंधेरा है, जो ज्ञान रूपी प्रकाश के फैलते ही भाग जाता है. जीवन में सफल वही होता है और कामयाबी उसी का गुलाम बनती है, जो धैर्य रखता है. परिश्रम ही सफलता की कुंजी है. अहंकार का नाश तय है. उन्होंने अपने शिष्यों को पाप, लोभ व छल-प्रपंच से बचने की सीख दी. कहा कि कई बार लोग अहंकार में अपने अंदर की बुराइयों को स्वीकार नहीं करते और गलत रास्ते पर आगे बढ़ते जाते हैं. अहंकार में आकर मानवता और भाईचारा को भूल जाते हैं. ऐसे व्यक्ति को जब ठोकर लगती है, तो उसका अहंकार स्वयं ही चूर हो जाता है.
उन्होंने कहा कि संयुक्त परिवार में जीने का जो आनंद है, वह एकल परिवार में नहीं. विपत्ति में संयुक्त परिवार के सदस्यों का साथ मिलता है. इसलिए यदि माताएं चाहें, तो संयुक्त परिवार फिर से कायम हो सकता है. मौके पर शिष्यों महाराज जी को विदायी दी, इसके बाद वे कलियासोल प्रखंड के लखियाबाद के रवाना हो गए. वहां उनका दो दिनों का प्रवास है.
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