Dhanbad : बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने में समाज के सभी लोगों की सहभागिता जरूरी है. इसके लिए जनप्रतिनिधियों व एनजीओ को मिलकर काम करना होगा. यह बातें टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहीं. वह 25 मार्च को धनबाद के टाउन हॉल में बाल विवाह पर रोक के लिए आयोजित कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. कहा कि जिले में सैंकड़ों एनजीओ सक्रिय हैं. उन्हें सामूहिक विवाह जैसे आयोजन में आगे आना चाहिए. राज्य सरकार सामूहिक विवाह, अज्ञात शवों का दाह संस्कार जैसे कार्यों के लिए सहायता प्रदान करती है.
बाल विवाह कानूनन अपराध : डीसी
डीसी संदीप सिंह ने कहा कि लोग स्वतः बाल विवाह को रोकें यही इस कार्यशाला का उद्देश्य है. जनप्रतिनिधि, एनजीओ समाज से नजदीक से जुड़े हैं. उन्हें लोगों को जागरूक कर बताना चाहिए कि बाल विवाह से बच्ची का जीवन खतरे में आ सकता है. बाल विवाह कानूनी अपराध है. इसमें 2 साल की कैद और एक लाख रुपए जुर्माना का प्रावधान है. उन्होंने पुलिस पदाधिकारियों से कहा कि ऐसे मामले संज्ञान में आने पर बाल विवाह में मध्यस्था करने वालों पर कार्रवाई करें.
बाल विवाह की सूचना 1098 नंबर पर दें
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेह कश्यप ने बाल विवाह के दुष्परिणाम, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत कानून एवं दंड का प्रावधान सहित अन्य विषयों पर प्रकाश डाला. साथ ही कहा कि बाल विवाह की सूचना बाल विवाह निषेध पदाधिकारी, जो हर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी हैं, को दे सकते हैं। इसके अलावा 100 नंबर पर डायल कर या चाइल्ड लाइन के 1098 पर कॉल कर सूचना दे सकते हैं. बाल विवाह रोकने में उत्कृष्ट कार्य के लिए बाघमारा व निरसा के प्रखंड विकास पदाधिकारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. कार्यशाला में जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह, उप विकास आयुक्त शशि प्रकाश सिंह, अपर समाहर्ता नंदकिशोर गुप्ता, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी स्नेह कश्यप, अजय कुमार तिवारी, केडी पांडेय, कुमार महतो सहित पुलिस व प्रशासन के वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.

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