Putki : पुटकी (Putki) कृष्ण सुदामा की झांकी व वृन्दावन में फूलों की होली के साथ केंदुआ हटिया में 12 नवम्बर से आयोजित आठ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान गंगा यज्ञ सम्पन्न हो गया. समापन पूर्व कथा वाचन करते हुए सुरेंद्र हरिदास ने कहा कि व्यक्ति को धर्म से नहीं बल्कि सिर्फ अपने निजी कार्यों से मतलब रह गया है. कहा कि धरती पर अधर्म बढ़ेगा तो भगवान अवतरित होंगे. लेकिन यदि मनुष्य के घर , मन में अधर्म बढ़ेगा तो व्यक्ति क्या करेगा ? मनुष्य में इतना आलस्य से भरा है कि वह अपने घर में धर्म की स्थापना नहीं कर सकता. वह सिर्फ और सिर्फ भगवान के भरोसे ही सारे काम कर लेना चाहता है.
उन्होंने कहा कि हिंदुओं में जागरुकता की कमी के कारण धर्म परिवर्तन हो रहा है. हिन्दुओं का धर्म परिवर्तन कराना गलत प्रक्रिया है. सरकार को हस्तक्षेप कर इसे दण्डनीय अपराध घोषित करना जाना चाहिए. फिल्मों में भी देवी- देवताओं का मजाक उड़ाया जा रहा है. साधु , संतों को ही बच्चा चोर समझ पकड़ा जा रहा है. किसी पादरी, किसी मौलवी को क्यों नहीं पकड़ा गया. सभी सनातनी को ऐसे कुकृत्यों के खिलाफ खड़े होकर आवाज उठानी चाहिए.
श्रीमद् भागवत कथा के समापन दिवस पर विश्व शांति के लिए प्रार्थना की गई. भक्तगणों को “मेरे ठाकुर के दरबार में सब लोगों का खाता” भजन श्रवण कराया. भागवत विदाई की गई. समापन पर कृष्ण सुदामा की झांकी निकाली गई, जिसका अवलोकन भक्तजनों ने किया, वृंदावन की फूलों की होली खेली गई. आयोजन में संजीव साव, सोनी देवी, मोती लाल, वर्मा, प्रकाश लाडिया कुणाल सिंह, वानर सेना, संजय जालान, श्रवण अग्रवाल, सुमित खण्डेलवाल, राधे कृष्णा राय, रीना देवी,मंगल कुमार, आदि लोगों का सहयोग रहा.