Maithan : मैथन (Maithan) कापासारा कोलियरी में भू धंसान की घटना को प्रबंधन और पुलिस दबाने के प्रयास में जुटी है. मलबे में 25-30 लोगों के दबे रहने की आशंका के बावजूद कोई पहल नहीं की जा रही. इसके विपरीत घटना स्थल पर डोजरिंग एवं भराई का काम किया जा रहा है. हादसे के संबंध में कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां भू धंसान हुआ है, उसके नीचे अवैध सुरंगनुमा मुहाना है. इसी सुरंग में 25 से 30 लोगों की टोली खनन के लिए घुसी थी.
रोजाना 25 से 30 मजदूर शिफ्ट के हिसाब से अवैध खनन के लिए मुहाने के अंदर जाते हैं. बता दें कि मलबे में शव दिखने के बाद कोलियरी प्रबंधन एवं पुलिस रेस होती है. इसी साल गोपीनाथपुर कोलियरी की बड़ी घटना को भी दो दिन तक दबा दिया गया था. मलबे में एक युवक का शव दिखने के बाद ही पुलिस सक्रिय हुई थी. पूर्व विधायक अरूप चटर्जी की पहल पर मृतकों के परिजन सामने आये थे और बड़ी घटना का खुलासा हुआ था. जिप सदस्य बादल चन्द्र बाउरी ने कहा कि चालू खदान में अवैध खनन के लिये कोलियरी प्रबंधन दोषी है. प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.
बड़े पैमाने पर होता है अवैध खनन
पिछले कई माह से डंके की चोट पर कोयले का अवैध खनन हो रहा है. आउटसोर्सिंग के पास ही सात अवैध भट्ठे खुल गये थे. कोयले का बड़े पैमाने पर अवैध खनन शुरू हो गया था. इस काम में तस्करों को कोलियरी प्रबंधन, ईसीएल सुरक्षा टीम, सीआईएसएफ एवं स्थानीय पुलिस का संरक्षण प्राप्त था. कोयला माफिया की तरफ से प्रतिमाह सभी संरक्षणकर्ताओं की जेब गरम की जाती है. खदान के अंदर चोर को घुसने से रोकने की जिम्मेवारी ईसीएल सुरक्षा टीम की है. अवैध खनित कोयला खदान से भट्ठों तक पहुंचने से रोकना पुलिस का काम है. कोयला चोरों को पकड़ना व अवैध कोयला जब्त करना सीआईएसएफ टीम की ड्यूटी है. मगर सभी अपनी जिम्मेवारी से भाग रहे हैं. राष्ट्रीय संपत्ति व जान माल की सुरक्षा की गारंटी लेने वाले इन तीनों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो अवैध खनन को रोकना मुश्किल है.
क्या कहती हैं ये कोयले की बोरियां
भू धंसान स्थल के नीचे कोयले के अवैध खनन का मुहाना है. वहां कोयले की बोरियां पड़ी थी. इससे साबित होता है कि घटना के समय अवैध खनन चल रहा था. आसपास के लोगों ने भी इसकी पुष्टि की है.
कोलियरी प्रबंधन ने किया इनकार
कापासारा कोलियरी के एजेंट पीके सिंह ने वर्तमान में अवैध खनन से इनकार किया. कहा कि इसके पहले ही अवैध खनन के कारण जमीन खोखली हो गई थी. इसी कारण भू धसान हुआ है. मलबे में कोई नहीं दबा है और न जानमाल का कोई नुकसान हुआ है.
40 परिवार दहशत में, पीएम को लिखा पत्र
कापासारा आउटसोर्सिंग कोलियरी में भू धसान के बाद बंगाल बिहार धौड़ा के 40 परिवार के दो सौ लोग दहशत में हैं. मात्र पचास फीट की दूरी पर धौड़ा है. धौड़ा साइड में कोयला चोरों ने दस से अधिक सुरंग बनाकर व कोयला काट कर जमीन खोखली कर दी है. पूरा धौड़ा खतरे में है. कब जमींदोज हो जाएगा, कोई नहीं कह सकता. हैवी ब्लास्टिंग के समय हमेशा आशंका बनी रहती है. कोलियरी विस्तार को लेकर प्रबंधन गंभीर है, लेकिन धौड़ा के लोगों को शिफ्ट करने में खास दिलचस्पी नहीं दिखा रही है. मुआवजा को लेकर धौड़ा के लोगों के साथ प्रबंधन की कई बार सकारात्मक वार्ता हुई. बावजूद प्रबंधन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. धौड़ा के लोगों की अगुवाई कर रहे काशीनाथ शर्मा ने पीएम को त्राहिमाम पत्र लिखा है. लोगों की सुरक्षा की गुहार लगायी गई है.
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