Dhanbad : जिले के सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने को लेकर 18 नवंबर को जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग, सोशियो इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाईटी (सीड्स) व स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हाई स्कूल भिस्तीपाड़ा में किया गया. पायलेट प्रोजेक्ट के आधार पर धनबाद सहित अन्य जिलों में 10-10 विद्यालयों (5 सरकारी एवं 5 निजी) को मॉडल तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया. अवर प्रमंडल शिक्षा पदाधिकारी आयुष कुमार ने प्राचार्यों, शिक्षकों व विद्यार्थियों को तम्बाकू के दुष्परिणाम से अवगत कराया. अधिकारियों ने कहा कि शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पाद बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. उनपर जुर्माना भी लगाया जाएगा.
सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम की आवश्यकता के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की. कार्यक्रम में राज्य कार्यक्रम प्रबंधक कैलाश चन्द्र साहु, जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग के राहुल कुमार, सीड्स के रिम्पल झा, धनबाद के चयनित विद्यायों के प्राचार्य, नोडल शिक्षक व छात्र छात्राएं उपस्थित थे.
झारखंड के 5.1 प्रतिशत विद्यार्थी कर रहे तंबाकू का सेवन
सीड्स के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि तम्बाकू का उपयोग पूरी दुनियां के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (2019) के आकडें के अनुसार भारत में 13-15 वर्ष के 8.5 प्रतिशत छात्रगण किसी न किसी प्रकार के तम्बाकू का उपयोग कर रहे हैं. वहीं झारखण्ड में यह 5.1 प्रतिशत है जो चिन्ता का विषय है.
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