Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) भारतीय जनता पार्टी के आक्रोश प्रदर्शन में बुधवार 23 नवंबर को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सरकार पर राज्य को विनाश की ओर ले जाने का आरोप लगाया. कहा कि खनन मामले में लगभग सभी भ्रष्टाचारी व अधिकारी जेल में हैं, लेकिन सरकार अवैध खनन रोकने में विफल है. उन्होंने हेमंत सरकार पर आदिवासी-मूलवासी के साथ बहुसंख्यक समाज और पारा शिक्षकों को ठगने का भी आरोप लगाया. उन्होंने “ऐसा कोई सगा नहीं जिसे हेमंत ने ठगा नहीं” का जुमला कई बार दोहराया. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के विगत 3 साल के कार्यकाल में ऐसी कोई योजना नहीं है, जिसकी उपलब्धि हेमंत सोरेन ले सके. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने धनबाद की सड़कों पर 600 करोड़, पेयजल योजना पर 1572 करोड़ खर्च किये थे. 30 हज़ार प्रधानमंत्री आवास और एक लाख लोगों को आयुष्मान का लाभ मिला था.
बिनोद बिहारी महतो व ए के राय को नहीं दिया सम्मान
उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन के साथ बिनोद बिहारी महतो और एके राय का भी झारखंड निर्माण में उतना ही योगदान था. लेकिन शिबू सोरेन परिवार के हाथ सत्ता आई. बाकी आंदोलनकारियों को सरकार ने सम्मान नहीं दिया. उनकी सरकार ने बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय बनाकर विनोद बाबू और निर्मल महतो को एसएनएमएमसीएच का नाम परिवर्तन कर सम्मान दिया. भाजपा की केंद्र सरकार ने देश में 3 हज़ार स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने का काम किया है.
एक घंटे में कार्यक्रम हुआ समाप्त
आक्रोश प्रदर्शन के लिए दोपहर 1:17 से रणधीर वर्मा चौक पर कार्यकर्ताओं का जुटान शुरू हुआ. बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो, सिंदरी विधायक इंद्रजीत महतो की पत्नी तारा महतो, रागिनी सिंह और अंत में धनबाद विधायक राज सिन्हा जुलूस के साथ पहुंचे. 1:36 बजे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और मांडू विधायक जयप्रकाश पटेल पहुंचे. धरनास्थल पर पहुंचते ही रघुवर दास ने भाषण देना शुरू कर दिया. लगभग 20 मिनट के संबोधन के तुरंत बाद वह सर्किट हाउस के लिए निकल गए. थोड़ी देर में रणधीर वर्मा चौक भी खाली हो गया.
उम्मीद से कम जुटी भीड़, ढुल्लू के साथ भी लोग कम
आक्रोश प्रदर्शन में भारी भीड़ जुटने की संभावना थी. लेकिन उम्मीद पूरी नहीं हुई. बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो भी मात्र दो से 300 समर्थकों के साथ पहुंचे. भीड़ जुटाने में धनबाद विधायक राज सिन्हा और रागिनी सिंह का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा. हालांकि कुछ समय के लिए रणधीर वर्मा चौक पूरी तरह जाम हो. नेताओं ने समझदारी दिखाते हुए सभी को वापस भेज दिया, जिससे अफरा-तफरी का माहौल नहीं बना. प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, जिला ग्रामीण अध्यक्ष ज्ञानरंजन सिन्हा, पूर्व विधायक कुंती सिंह, पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, संजय झा, मानस प्रसून, मुक्कू मालाकार, मिल्टन पार्थसारथी, रूपेश सिन्हा समेत सैकड़ों शामिल थे.
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