धरनास्थल पर पहुंचे जेबीकेएस नेता, समर्थन का दिया आश्वासन
Maithon : डीवीसी मैथन के विस्थापित नौकरी या एकमुश्त 15 लाख रुपये मुआवजा व पेंशन सहित अन्य मांगों को लेकर मैथन स्थित प्रशासनिक भवन के सामने अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हैं. झारखंड खतियानी (जेबीकेएस) नेता जयराम महतो सोमवार को धरनास्थल पर पहुंचे और विस्थापितों को पूरा समर्थन देने का अश्वासन दिया. कहा कि यदि डीवीसी प्रबंधन गांधीवादी तरीके से मांगें पूरी नहीं करता है, तो भगत सिंह बनकर सामना करना होगा. उग्र आंदोलन करना होगा. जिस तरह भगत सिंह ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ खड़े हुए थे, उसी तरह हर घर से एक व्यक्ति को आगे आना होगा, नहीं तो इसी तरह से अन्याय होता रहेगा.
उन्होंने कहा कि आश्चर्य है कि डीवीसी ने 1957 में रैयतों की जमीन ली और वर्ष 2024 आ गया, लेकिन जमीन के बदले नौकरी तो दूर विस्थापितों को मुआवजा भी नहीं मिला. इसके लिए सभी को एकजुट होकर कमर कसने की जरूरत है. जेबीकेएस विस्थापितों की लड़ाई मजबूती से लड़ेगा.
चंपाई अच्छा काम कर रहे थे, पद के लोभ में उन्हें हटा दिया गया
झारखंड भाषा खतियान संघर्ष समिति (जेबीकेएस) के नेता जयराम महतो ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका संगठन राज्य में अपने दम पर सरकार बनाने के लिए विधानसभा चुनाव लड़ेगा. गठबंधन की सरकारें किस तरह काम कर रही हैं यह सबके सामने है. पूर्व सीएम चंपाई सोरेन अच्छा काम कर रहे थे. विपक्ष के लोग भी उनकी प्रशंसा कर रहे थे, लेकिन उन्हें कुछ ही महीनों में हटा दिया गया. गठबंधन में शामिल दलों के दबाव व मुख्यमंत्री पद के लोभ उनको हटा दिया गया. इससे पहले जयराम महतो ने विस्थापित नेता बासुदेव महतो से मिलकर विस्थापितों की मांगों की जानकारी ली. इसके बाद उन्होंने डीवीसी अधिकारियों से बात की और जल्द से जल्द समाधान निकालने को कहा. मौके पर विस्थापित नता बासुदेव महतो, पीएल मुर्मू, शीतल राय, रवि सेन, प्रवीर भंडारी, दुर्गा मरांडी, सुरेन्द्रनाथ मुर्मू, पारसी किस्कू, हपनी बास्की, बंगाल मरांडी, फटीक गोराई, दीजो पदो दा, रामलाल मोदी आदि उपस्थित थे.
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