अग्रसेन भवन चिरकुंडा में श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान कथा में पांचवे दिन वामन अवतार प्रसंग की हुई चर्चा
Maithon : चिरकुंडा स्थित अग्रसेन भवन में सप्ताहव्यापी श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान कथा के पांचवे दिन गुरूवार 21 सितंबर को कथावाचक गौरव कृष्ण पाठक महाराज ने कहा कि वामन अवतार भगवान विष्णु के दशावतारों में पांचवा अवतार और मानव रूप में अवतार था. जिसमें भगवान विष्णु ने एक वामन के रूप में इंद्र की रक्षा के लिए धरती पर अवतार लिया था. दैत्यराज बली प्रह्लाद का पौत्र और विरोचन का पुत्र था. बली एक महान शासक था, जिसे उसकी प्रजा बहुत स्नेह करती थी और वह ब्राह्मणों का भक्त था. उसे उसके पितामह प्रह्लाद और गुरु शुक्राचार्य ने वेदों का ज्ञान दिया था.

‘जन्म देने वाले व पालन पोषण करने वालों के प्रति हमेशा कृतज्ञ होना चाहिए’
उन्होंने कहा कि अवतार के बिना भगवान के विज्ञान को समझना कठिन है. दुष्टों के विनाश व सज्जनों की रक्षा के लिए विभिन्न रूपों में भगवान अवतरित होते हैं. जिसने हमें जन्म दिया और पालन पोषण करता है. उसके प्रति हमेशा कृतज्ञ रहना चाहिए. जब भक्त ईश्वर को अपने आत्मा, अन्तःकरण से पुकारता है तो ईश्वर सहयोगी बनकर साथ चलने लगते हैं. महाराज ने कहा कि अशांत को शान्ति, अतृप्त को तृप्ति व भटके को दिशा भागवत कथा से प्राप्त होती है. आनन्द चाहिए तो सच्चिदानन्द से जुड़ना पड़ेगा.
कथा को सफल बनाने में संदीप निगानिया, महेन्द्र निगानिया, अनिल निगानिया, शंकर निगानिया, बिल्लू निगानिया, शंभू निगानिया, श्याम निगानिया, सुशील निगानिया, प्रवीण निगानिया, विनोद निगानिया, रवि निगानिया, मटरू निगानिया, मंजू निगानिया, मेघा निगानिया, अंशु निगानिया, आशा निगानिया, गीता निगानिया, संगीता निगानिया, पुष्पा निगानिया, अनीता निगानिया सराहनीय भूमिका निभा रहे हैं.
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