Dhanbad : मगही, भोजपुरी, मैथिली व अंगिका को धनबाद जिले में क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटाने के विरोध में सैंकड़ों लोगों ने गुरुवार, 31 मार्च को झरिया की कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के आवास का घेराव किया. विधायक अपने आवास पर नहीं थीं. उनकी अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधि सूरज सिंह को मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा. घेराव का आयोजन मगही, भोजपुरी, मैथिली संस्कृति बचाओ मंच के बैनर किया गया. इस दौरान लोगों ने विधायक से चुप्पी तोड़ने की मांग करते हुए सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. कहा कि यदि उक्त 4 भाषाओं को धनबाद जिले की क्षेत्रीय भाषा की सूची में दोबारा शामिल नहीं किया गया, तो अगले विधानसभा चुनाव में जनता जनप्रतिनिधियों को हैसियत दिखाएगी.
क्षेत्रीय भाषा का दर्जा न मिलने पर तेज होगा आंदोलन
मंच के संस्थापक अभिषेक सिंह, जीतेंद्र पासवान, शैलेंद्र सिंह, मदन राम व महिला नेत्री गीता सिंह ने कहा कि सरकार ने जिस तरह धनबाद व बोकारो के लोगों को मगही, भोजपुरी, अंगिका व मैथली भाषा को स्थानीयता की सूची में लागू कर सम्मान दिया था, उसे दोबारा लागू करे. अन्यथा मंच का चरणबद्ध उग्र आंदोलन किया जाएगा जाएगा. उन्होंने कहा कि धनबाद व बोकारो जिले की 80% आबादी इन 4 भाषाओं को बोलने वाली है. झारखंड के विकास में इन भाषाओं को बोलनेवाले लोगों के पुरखों का खून-पसीना लगा हुआ है. इसके बावजूद सरकार ने लोगों के साथ विश्वासघात किया है.
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