Sindri : निर्माणाधीन हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (हर्ल) खाद कारखाना सिंदरी में विगत 25 मार्च को इलेक्ट्रिशियन राजू विश्वकर्मा की मौत के बाद मजदूरों और विभन्न संगठनों के आंदोलन का सकारात्मक परिणाम निकला. रविवार 27 मार्च को समझौता हुआ, जिसमें पीड़त परिवार को 35 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा हुई. परिजनों और मजदूर संगठनों ने इस समझौते पर संतोष व्यक्त किया है. भौंरा, वार्ता में झरिया सीओ प्रमेश कुशवाहा, हर्ल के एचआर कुंदन किशोर, टेक्निप के आरसीएम बब्बन सिंह, एएनआई के प्रोजेक्ट मैनेजर देवव्रत सिंह, मृत कर्मी की पत्नी रंजू देवी सहित अन्य परिजन शामिल थे. हर्ल के जीजीएम कामेश्वर झा ने 5 सदस्यीय टीम गठित कर जांच करने और अन्य खामियों को दूर करने की बात कही है.
तत्काल 17.50 लाख का चेक, 50 हजार नगद
विभिन्न राजनीतिक दलों ने हर्ल मुख्य द्वार पर धरना हटा लिया है. विगत रविवार की शाम झरिया के अंचल अधिकारी प्रमेश कुशवाहा की मध्यस्थता में पीडीआईएल गेस्ट हाउस सिंदरी में हर्ल प्रबंधन एवं एएनआई कंपनी के साथ त्रिपक्षीय वार्ता हुई. 15 लाख मुआवजा, पीएफ, इंश्योरेंस सहित कुल 35 लाख रुपये देने पर सहमति बनी. मृतक की पत्नी को तत्काल 17.50 लाख रुपये का चेक के अलावा 50 हजार नगद भुगतान किया गया. फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए मृतक की पत्नी ने हर्ल के अंतर्गत कार्यरत एएनआई कंपनी (जिसमें इलेक्ट्रीशियन राजू कार्यरत था) के खिलाफ लिखित शिकायत वापस ले ली है.
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