Mithilesh kumar
Dhanbad: अगले कुछ दिनों में शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू होगा. इसे लेकर निगम खर्च भी खूब कर रहा है, लेकिन, जमीन पर इसका असर नहीं दिखाई दे रहा. गली-मुहल्लों में गंदगी का अंबार है. जानवर खाने की खोज में सड़कों पर कचरा फैला रहे हैं . जगह- जगह नालियां भी बजबजा रही है. इतना ही नहीं नालियों में न तो कीटनाशक का छिड़काव होता है और न ब्लीचिंग पाउडर ही डाले जाते है. बावजूद इसके निगम के अधिकारी इस बार स्वच्छता रैंकिंग में अच्छे परिणाम का दावा कर रहे हैं .
स्वच्छता के नाम पर होती है खानापूर्ति
हाल ही में नगर निगम ने स्वच्छ होटल, स्वच्छ स्कूल , स्वच्छ बाजार, स्वच्छ मुहल्ला तथा स्वच्छ अस्पताल प्रतियोगिता का आयोजन किया था. कई संस्थानों को प्रथम, द्वितीय पुरस्कार से नवाजा भी गया. जिसमें ज्यादातर संस्थान निजी थे. इनकी अपनी सफाई व्यवस्था है. जिन स्थानों पर निगम खुद से सफाई करता है, उसका आकलन ही निगम ने नहीं किया. सफाई के नाम पर निगम सिर्फ खानापूर्ति है.
सफाई पर हर माह होता करोड़ रूपये खर्च
शहरी क्षेत्र में निगम सफाई का आधा काम खुद करता है और आधे काम के लिये रैमकी नामक सफाई एजेंसी बहाल कर रखा है. इन दोनों व्यवस्था पर निगम हर माह माह करोडों रुपया खर्च करता है. एजेंसी डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम करती है. इसके बदले निगम रैमकी को प्रति टन कचरा उठाने की कीमत 1600 रुपया देता है. बाकि गली – मुहल्ले जहाँ रैमकी नहीं पहुँच पाती, वहां से कचरा उठाने का काम निगम के सफाईकर्मी करते हैं. बावजूद इसके शहर की गंदगी दूर नहीं हो पाती है.
बनियाहिर में पिछले 16 सालों से कचरा हो रहा है डंप
निगम निगम के गठन के 16 साल से अधिक बीत चुके हैं . लेकिन आज तक निगम सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट का काम शुरू नहीं कर सका है. वार्डो से उठने वाला कचरा निगम अभी तक झरिया के बनियाहिर में डंप करता आ रहा है. कचरे के आसपास रहने वाली आबादी के बीच संक्रमण का खतरा भी बना रहता है. निगम को कचरे के निपटारे के लिये अभी तक कही जमीन ही नहीं मिली है.
सबसे गंदे शहर का मिल चुका है ख़िताब
देश में वर्ष 2016 से स्वच्छता सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है. पहली बार 73 शहरों की सूची में धनबाद सबसे निचले पायदान पर था और देश के सबसे गंदे शहर का ख़िताब भी मिला था. इसके बाद रैंकिंग में सुधार तो हुआ, लेकिन जमीन पर उसका असर बहुत कम ही रहा.
सफाई के कार्य की नियमित रूप से मोनेटरिंग की जा रही है. 26 जनवरी की वजह से आज कम लेबर आये थे. इसलिए काम कुछ बाधित हुआ है.- सतेंद्र कुमार, नगर निगम आयुक्त
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