Dhanbad : गोविंदपुर सीएचसी स्थित प्रसव गृह में स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण एक नवजात की मौत हो गयी है. बताया जा रहा है कि महिला 29 नवंबर को प्रसव करवाने आयी थी. जिसे स्वास्थ्य कर्मियों ने हिमोग्लोबिन जांच व कागजी खानापूर्ति के नाम पर प्रसव गृह से बाहर निकाल दिया था. महिला को प्रसव पीड़ा होने के बावजूद प्रसव गृह से बाहर निकाल दिया गया था. जिसके बाद महिला ने स्वास्थ्य केंद्र परिसर में ही शिशु को जन्म दे दिया. शिशु को जन्म देते ही महिला बेहोश हो गयी.
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महिला को ऑटो से ही सीएचसी लाया गया था
महिला के शिशु के जन्म देने और बेहोश होने की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य कर्मियों में हड़कंप मच गया. जिसके बाद महिला और बच्चे को आनन- फानन में प्रसूति गृह ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया. मिली जानकारी के मुताबिक महिला पूर्वी टुंडी प्रखंड के रूपन पंचायत अंतर्गत टेसराटांड़ गांव निवासी अमल कर्मकार की 24 वर्षीय पत्नी मीना देवी है. जो सोमवार को प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद अस्पताल पहुंची था. परिजनों ने बताया कि महिला को जब ममता वाहन नहीं मिला था. जिसके बाद उसे कौवाबांध से ऑटो से ही सीएचसी लाया गया था. स्वास्थ्य कर्मियों ने हिमोग्लोबिन जांच का हवाला देते हुए प्रसूति गृह से मीना को बाहर निकाल दिया था.
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स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही से बच्चे की हुई मौत
सहिया सामुनी सोरेन ने बताया कि वह मीना को लेकर चिकित्सक से कागज बनवाने जा ही रही थी. रास्ते में ही मीना ने शिशु को जन्म दे दिया. इसके बाद मीना वहीं बेहोश हो गई. यह देख सीएचसी में मौजूद चिकित्सा कर्मी स्तब्ध रह गए. जल्दबाजी में मीना व उसके नवजात बच्चे को प्रसूति गृह ले जाया गया. लेकिन नवजात की मौत हो गई थी. सोमवार के देर शाम ही मीना को मृत नवजात के साथ प्रसूति गृह से डिस्चार्ज कर दिया गया. पीड़िता के स्वजनों ने आरोप लगाते हुए कहा कि सीएचसी कर्मियों की लापरवाही के कारण प्रसव गृह के बाहर मीना ने बच्चे को जन्म दिया. ना तो समय पर उसे लाने के लिए ममता वाहन मिल सका और ना ही उसका समय पर उपचार किया गया.
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