Jharia : बीसीसीएल एरिया 9 की बस्ताकोला राजापुर आउटसोर्सिंग परियोजना में शुक्रवार को तड़के करीब 4 बजे अचानक ओबी डंप का पहाड़ धंस गया. तेज आवाज के साथ भारी मात्रा में ओबी गिरने की घटना घटी. इस दौरान धूल का बवंडर ऐसा उठा कि पूरे इलाके में गर्द-गुब्बार फैल गया. ऐसा लगा मानो धूल की आंधी चली हो. स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार घटना के वक्त काफी तेज आवाज भी हुई. ओबी ढहने से कोयला फेस में लगे पंप, बिजली के खंभे व एक पुराना ट्रांसपोर्टिंग वाहन जलमग्न हो गया. दो लोगों घायल होने की भी खबर है. उक्त कोयला फेस में पिछले दो महीने से उत्पादन बंद था, इस कारण जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है. पूर्व में डेको नामक कंपनी पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर उत्पादन कर रही थी. घटना के बाद बीसीसीएल अधिकारियों में हड़कंप मच गया. घटनास्थल के बगल में रजवार बस्ती है. वहां के ग्रामीणों में दहशत व्याप्त है.
बस्ताकोला के जीएम अनिल कुमार सिन्हा, एजीएम टी पासवान समेत अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जायजा लिया. बीसीसीएल प्रबंधन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है. मिली जानकारी के अनुसार, खदान में भूमिगत पानी का दबाव बढ़ गया था. हाल के दिनों में हुई बारिश से इन भूमिगत सुरंगों पर पानी का दबाव और बढ़ गया था, कमजोर सुरंगें इस दबाव को सहन नहीं कर सकीं और टूट गईं, जिससे भूस्खलन हुआ. बीसीसीएल की तकनीकी टीम घटना की वजह का पता लगाने में जुटी हुई है.
2 कर्मी घायल, लाखों की मशीन व 5 मोटर पंप डूबे
इस घटना में लाखों रुपए की एक खराब मशीन व 5 मोटरपंप पानी में डूब गए. परियोजना में कार्य कर रहे दो कर्मी मुख्तार व शुभम घायल हो गए. दोनों का इलाज जोड़ाफाटक रोड स्थित एक नर्सिंग होम में कराया गया. वारदात से बीसीसीएल अधिकारियों की नींद उड़ गई. परियोजना का मार्ग अवरुद्ध हो गया है. सूचना पाकर डीटी, बस्ताकोला महाप्रबंधक अनिल कुमार सिन्हा व राजापुर के पीओ केके सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद राजापुर कार्यालय में बैठकर इसके नक्शा का अवलोकन किया. सूचना पाकर डीजीएमएस के निदेशक (माइनिंग) मनोज कुमार साहु भी पहुंचे और जांच-पड़ताल की.
जानलेवा हो चुके हैं ओबी के पहाड़
आउट सोर्सिंग कंपनियों द्वारा उत्पादन के बाद जमा किए जाने वाले ओवर बर्डन (ओबी) कई इलाकों में पहाड़ का रूप ले चुका है. ये ओबी कभी भी जानमाल को की भारी क्षति पहुंचा सकते हैं. ओबी के ये पहाड़ कई इलाकों में आबादी के आसपास स्थित हैं. ऐसे इलाकों में ओबी के पहाड़ बारिश के बाद खतरनाक रूप से ले रहे हैं. बस्ताकोला नागेश्वर मंदिर में इसी पखवारे भू धंसान की घटना हुई थी. नागेश्वर मंदिर और आसपास की आबादी भी एक ऐसे ही ओबी पहाड़ से कुछ दूरी पर है.
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