Sesh Narayan Singh
Maithon : ईसीएल की कापासारा आउटसोर्सिंग कोलियरी में भू-धंसान व बाघमारा गोलीकांड के बावजूद कोयले का अवैध खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा है. तस्कर कोयला चोरी के नए-नए तरीके इजाद कर रहे हैं. मुगमा क्षेत्र की राजपुरा व कापासारा कोलियरी में अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है. इतना ही नहीं यहां से उत्पादित कोयले को भी जबरन लूट लिया जा रहा है. ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी व अफसर मूकदर्शक बन चुपचाप सब देखते रह जाते हैं. विरोध करने पर मनबढू कोयला चोर जानलेवा हमला करने से भी बाज नहीं आते. ऐसे में कोयले के काले धंधे को रोक पाना टेढ़ी खीर बन गई है. हां इतना है कि कोयला तस्कर पुलिस की बात जरूर मानते हैं. दारोगा साहब ने कह दिया कि भट्ठा बंद तो बंद, चालू तो चालू. यानी काले धंधे का रिमोट पुलिस के हाथ में है.
कापासारा में भू धंसान की घटना के बाद क्षेत्र में कोयले का अवैध खनन या चोरी का ट्रेंड बदल गया है. बाइक, साइकिल व ट्रैक्टर से भट्ठा तक अब दिन के उजाले की जगह रात में अवैध कोयला पहुंचाया जा रहा है. कुछ दिन बाद मामला ठंडा पड़ते ही पुराना डर्रा शुरू हो जाएगा. कोयला तस्कर धंधे को अंजाम देने के लिए पुरुष के साथ महिला मजदूरों का भी सहयोग ले रहे हैं.
समीप के भट्ठों में खपाया जाता है चोरी का कोयला
बड़े ही सुनियोजित तरीके से वर्षों से कोयले का काला धंधा चल रहा है. मैथन ओपी क्षेत्र के पोड़ाडीहा स्थित योगेंद्र राय-जीतेंद्र राय का भट्ठा, कालीमाटी में चंदन अग्रवाल और संजय अग्रवाल के भट्ठे, कुमारधुबी क्षेत्र में खुदिया नदी किनारे अनिल राय व गलफरबाड़ी क्षेत्र के दुधियापानी में मुन्ना सिंह व पिंटू सिंह के भट्ठे में चोरी का कोयला खपाया जा रहा है. अनिल राय के भट्ठे में डूमरीजोड़ व दहीबाड़ी से कोयला जाता है, जबकि मुन्ना सिंह व पिंटू सिंह के भट्ठे में राजपुरा और कापासारा कोलियरी से कोयला जाता है. योगेंद्र-जीतेंद्र राय के भट्ठे में बरमुड़ी व कुमारधुबी कोलियरी से तथा चंदन अग्रवाल और संजय अग्रवाल के भटठे में राजपुरा व कुमारधुबी कोलियरी से कोयले की अपूर्ति हो रही है. वहीं, पंचेत ओपी क्षेत्र में कोयले के अवैध धंधे में अमन सिंह एंड टीम शामिल है.
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बाहर से मलकट्टा बुलाकर कराते हैं खनन
कोयला जमा करने में चोरों का दो दल काम करता है. एक दल में स्थानीय ग्रामीण होते हैं, जो चालू खदानों में जबरन घुसकर कोयला लूट लेते हैं. जबकि दूसरा दल अवैध खनन करता है. इसमें मलकट्टा बाहर के लोग होते हैं, ताकि हादसा होने पर हंगामा नहीं हो और उसे आसानी से दबाया जा सके. मलकट्टा बंगाल के कुल्टी, बराकर, नीघा, आसनसोल, बांकुड़ा, पुरूलिया, वीरभूम के अलावे झारखंड के जामताड़ा, नारायणपुर आदि जगहों से आते हैं. उन्हें मजदूरी के रूप में मोटी रकम दी जाती है. इनके रहने-खाने की व्यवस्था खदान के समीप ही रहती है. अवैध कोयला जमाकर सीमेंट की बोरियों में भरकर बाइक, साइकिल व ट्रैक्टर से भट्ठा तक पहुंचाते हैं.
अवैध खनन व चोरी में तीन सिंडिकेट सक्रिय
मुगमा क्षेत्र में कोयले के अवैध कारोबार पर पहले गोप एंड कंपनी का वर्चस्व था. धीरे-धीरे धंधा तीन सिंडिकेट में बंट गया. गोप एंड कंपनी के आलावा चंदन एंड कंपनी और संजय एंड कंपनी इसमें जुड़ गए हैं.
सीआईएसएफ से मिलकर राकने की कोशिश : एसडीपीओ
इस संबंध में पूछे जाने पर निरसा के एसडीपीओ पीतांबर सिंह खेरवार ने कहा कि सीआईएसएफ व ईसीएल के सुरक्षा कर्मियों के साथ मिलकर पुलिस कोयला चोरों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है. चोरी की सूचना पर तुंरत छापेमारी की जाती है. बड़े पैमाने पर अवैध कोयला जब्त किया गया है. कोयला चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कारवाई की जा रही है. वहीं, अवैध खनन स्थल का सत्यापन कर ईसीएल प्रबंधन के सहयोग से भराई व डोजरिंग की जा रही है.
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