Dhanbad : जिस लड़की के अपहरण मामले एक ही परिवार के तीन लोग 9 महीने जेल में रहे, एक की मौत हो गयी, जबकि एक की नौकरी चल गयी, वह लड़की 18 साल बाद घर लौटी है. लड़की के घर वापसी से पूरा मुहल्ला अचंभित है. लड़की आरती कुमारी 23 सितम्बर 2003 को गायब हुई थी. इसे लेकर लोदना ओपी में मामला दर्ज किया गया था. लड़की उस समय बालिग थी. लड़की ने बताया कि लोदना रक्षा काली मेला में वह भटक गयी थी और खड़गपुर चली गयी थी. 18 साल बाद घर वापस लौटी आरती कुमारी और इसके परिजन फिलहाल ज्यादा कुछ तो नहीं बोल रहे है. लेकिन जिस परिवार के लोगों पर अपहरण का आरोप लगा था वे अब प्रशासन से न्याय की गुहार लगाने की बात कर रहे हैं.
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झूठा अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया गया था
पूरे मामले को लेकर लोदना निवासी सनोज निषाद ने कहा कि लडकी आरती के पिता बंगाली दास के द्वारा हमलोगों पर झूठा अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया गया था. इस झूठे आरोप में पिता रामेश्वर निषाद, भाई मनोज निषाद, चचेरे भाई राजू निषाद लगभग 9 महीने जेल में रहे. कहा गया कि झूठे आरोप में रामेश्वर निषाद, राजू निषाद की नौकरी भी चली गयी. ये दोनों बीसीसीएल में कार्यरत थे. साथ ही सदमे में रामेश्वर निषाद की मौत भी हो गयी.
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लड़की ने कहा कि मेरा अपहरण नहीं हुआ
4 दिसंबर को गायब हुई लड़की आरती अपने घर लोदना पहुंची. उस समय लड़की की मां घर में थी. लड़की से जब मोहल्ले वालों ने पूछा तो लड़की ने कहा कि मेरा अपहरण नहीं हुआ था. रक्षा काली पूजा में मेले के दौरान वह भटक कर खड़गपुर चली गयी थी. वहीं एक मंदिर में रह रही थी. और अब जब समझ में आया तो घर वापस आ गयी.
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अब लगा रहे हैं न्याय की गुहार
वही अपहरण मामले में तीन लोग जेल की सजा काटे, नौकरी गयी और उनका पूरा परिवार बिखर गया. अब ये लोग न्याय की गुहार लगा रहे हैं उनका कहना है कि पूरे 18 साल हमें लौटा दो. कहा गया कि पुलिस मामले की सही से जांच नहीं की और हम लोगों को सजा हो गयी. सजा होने से नौकरी भी चली गयी.