Dhanbad : कोल इंडिया के निदेशक (तकनीकी एवं विपणन), डॉ. बी वीरा रेड्डी ने कहा कि आने वाले चार-पांच दशकों तक ऊर्जा के प्रमुख स्रोत के रूप में कोयला का कोई विकल्प नहीं है. इसलिए हमें नई-नई टेक्नोलॉजी की जरूरत पड़ेगी. सिंफर और कोल इंडिया ने लंबे समय तक मिलकर काम किया है. कोल इंडिया को एक बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए सिंफर जैसे संस्थानों की आधुनिक तकनीक की आवश्यकता होगी. डॉ. बी वीरा रेड्डी 18 नवंबर को सीएसआईआर-केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान (सिंफर), धनबाद के 76वें स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने पर्यावरण की रक्षा के लिए कार्बन उत्सर्जन को घटाने के साथ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ने की जरूरत पर बल दिया. कहा कि जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए भविष्य में हमें वैकल्पिक स्रोत की भी तलाश करनी होगी.
सिंफर निदेशक ने पीमए मोदी के विजन से कराया अवगत
सिंफर के निदेशक प्रो. एसएस बसु ने प्रधानमंत्री के विजन से अवगत कराया. उद्दघाटन समारोह को मुख्य वैज्ञानिक जेके सिंह और डॉ. आरके सिंह ने भी संबोधित किया. इस मौके पर सिम्फर द्वारा विकसित सॉफ्ट कोक मेकिंग टेक्नोलॉजी को चार कंपनियों हेमकुंठ वेंचर्स, हजारीबाग, अंजनेय फ्यूल्स, कोलकाता, कृष्णा उद्योग, रामगढ़ और सिनर्जी ऊर्जा वेंचर्स, बिहार को हस्तांतरित किया गया.
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