Ranchi: प्रदेश की सत्ता में साझीदार कांग्रेस के अंदर गुटबाजी इन दिनों चरम पर हैं. गुटबाजी इतनी बढ़ गयी है कि पार्टी के अंदर पांच गुट सक्रिय हैं. पहले से जारी आंतरिक कलह और नेतृत्व द्वारा कार्यकर्ताओं को नजरंदाज करने की प्रवृत्ति ने इस गुटबाजी को और बढ़ा दिया है. पांचों गुटों की बागडोर प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के हाथ में है. इन गुटों में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव, दीपिका पांडेय सिंह और इरफान अंसारी समर्थक विधायक गुट शामिल हैं. मजे की बात यह कि केंद्र में मंत्री और रांची के सांसद रहते पार्टी को दरकिनार कर अपना समानांतर संगठन चलानेवाले सुबोधकांत सहाय भी इन दिनों कांग्रेस की राजनीति में दिलचस्पी लेते दिख रहे हैं.
प्रदेश कांग्रेस में बढ़ती जा रही गुटबाजी
पार्टी में गुटबाजी बढ़ती जा रही है. जिसे जिस गुट में सम्मान मिलता है उधर का रुख कर लेता है. सिरफुटव्वल का आलम यह है कि प्रदेश कांग्रेस को चलाने के लिए नियुक्त पांच कार्यकारी अध्यक्षों, मीडिया और कॉम्यूनिकेशन विभाग, मीडिया पैनालिस्ट और जोनल कॉर्डिनेटर की भूमिका लगभग समाप्त सी हो गयी है. आज प्रदेश कांग्रेस को संभालने की जिम्मेवारी कुछ चंद लोगों पर ही डाल दी गयी है. सत्ता में आने के बाद इन्हीं चंद लोगों के भरोसे पिछले डेढ़ साल से पार्टी को चलाया जा रहा है.
प्रदेश नेतृत्व की कार्यशैली से कार्यकर्ता खुद को हाशिये पर और छला हुआ महसूस करने लगे हैं. कार्यकर्ता कहते हैं कि जब पार्टी विपक्ष में थी, तब कोई न कोई कार्यक्रम चलता ही रहता था. आज जब पार्टी सत्ता में है, तो इन कार्यक्रमों में और तेजी आ गयी है. नेता कार्यक्रमों को बनाने के लिए कार्यकर्ता का इस्तेमाल करते हैं और फिर किनारे लगा देते हैं. कार्यकर्ताओं के इस रोष के कारण पार्टी में गुटबाजी बढ़ती जा रही है. जिसे जिस गुट में सम्मान मिलता है उधर का रुख कर लेता है.
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डॉ रामेश्वर उरांव गुट में प्रवक्ता स्तर के नेता शामिल
कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव का गुट अभी सबसे ज्यादा प्रभावी है. प्रदेश अध्यक्ष के कमोबेश सभी कार्यक्रमों की जिम्मेवारी इसी गुट पर है. इस गुट में प्रवक्ता स्तर के तीन नेता शामिल हैं. तीनों को हमेशा प्रदेश अध्यक्ष के दायें-बायें देखा जा सकता है.
डॉ अजय गुट में महानगर कांग्रेस और जमशेदपुर के लोग ज्यादा
डॉ अजय कुमार समर्थक गुटों में जमशेदपुर के कार्यकर्ता तो शामिल हैं ही, साथ ही रांची महानगर कांग्रेस और एक प्रदेश प्रवक्ता भी इसमें शामिल हैं. पार्टी में दोबारा शामिल होने के बाद जब डॉ अजय पहली बार एयरपोर्ट और पार्टी मुख्यालय पहुंचे थे, तो उनका स्वागत भी इन्हीं ने किया था, जबकि दूसरे गुटों का कोई नेता-कार्यकर्ता उनके स्वागत को नहीं पहुंचा था.
फिर बढ़ी सुबोधकांत की सक्रियता
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय की पिछले दो महीनों से पार्टी मुख्यालय में सक्रियता काफी बढ़ी है. युवा कांग्रेस से लेकर कमोवेश अधिकांश कार्यक्रम में वे देखे जा रहे हैं. डॉ अजय कुमार के साथ विवाद के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री समर्थक जिन गुटों ने सड़क से मुख्यालय तक विरोध प्रदर्शन किया था, वहीं आज सुबोधकांत की बढ़ती सक्रियता को देख गुटबाजी करने लगे हैं. इसमें एक प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व रांची महानगर अध्यक्ष सहित कुछ वरिष्ठ कांग्रेस शामिल हैं.
दीपिका गुट के तेवर तीखे, खुल कर जता रहे विरोध
महागामा विधायक दीपिका पांडेय सिंह गुट पिछले कुछ दिनों से ज्यादा तेवर के साथ आगे आया है. प्रदेश नेतृत्व सहित सरकार में उनकी बातों को नहीं सुने जाने से नाराज इस गुट ने पिछले दिनों कई बार खुलकर अपना विरोध जताया है. इसमें तीन महिला विधायकों सहित दो कार्यकारी अध्यक्ष शामिल हैं.
इरफान समर्थक गुट का लगातार हो रहा दिल्ली दौरा
जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी समर्थक गुट अपनी मांगों को मनवाने के लिए अकसर बैठक करते और दिल्ली दरबार तक जाकर शिकायत करते हुए दिखे हैं. इस गुट में इरफान के अलावा भाजपा से आये नेता समेत दो विधायक प्रमुख हैं.
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