Jamshedpur : टाटा मोटर्स जेनरल ऑफिस कार्यालय में सोमवार को लीव बैंक कमेटी की बैठक हुई. इसमें प्रबंधन की ओर से चेयरमैन अजय कुमार, सचिव अमितेश पांडेय और डॉ पंकज रावत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए. वहीं टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के प्रतिनिधि के तौर पर एचएस सैनी, बीके शर्मा और प्रकाश विश्वकर्मा बैठक में शामिल हुए. वर्ष 2022 की पहली बैठक होने के कारण पिछले वर्ष की पूरी गतिविधियों पर चर्चा हुई. इस बार कमेटी को तीन आवेदन मिले थे. बैठक में तीनों आवेदन को पास करते हुए कर्मचारियों में 222 लीव का वितरण किया गया. कमेटी ने एक्सल डिवीजन के जयदीप कुमार 63, इंजन डिवीजन के राजेश कुमार को 69 और एक्सल डिवीजन के दिलीप कुमार सिंह को 90 दिनों का लीव दिया गया. वर्ष 2019 में 22 लोगों को कुल 1279 लीव दिया गया था. वर्ष 2020 में चार लोगों के बीच 295 दिन का लीव बांटा गया था. वर्ष 2021 में 18 लोगों के बीच 1116 दिन का लीव बांटा गया था. इस संबंध में एचएस सैनी ने बताया कि दिसंबर 2020 में लीव आवंटन के बाद बैंक के पास 4276 लीव बचे हुए थे. जनवरी 2021 में सभी सदस्यों से 1-1 दिन का लीव लिया गया था, जो कि 5374 हुआ. साथ ही रिकवरी के तौर पर 279 लीव प्राप्त हुआ. इस प्रकार वर्ष 2021 के आवंटन के बाद बैंक के पास कुल 8811 लीव बचे हैं.
क्या है लीव बैंक
वर्ष 2019 में टाटा मोटर्स प्रबंधन और यूनियन के संयुक्त प्रयास से लीव बैंक का गठन किया गया. टाटा मोटर्स कर्मचारियों को किसी कारण से अत्यधिक लीव की आवश्यकता को देखते हुए लीव बैंक का गठन किया गया. टाटा मोटर्स के सभी कर्मचारी साल भर मिलने वाले लीव में से एक-एक दिन की छुट्टी बैंक में जमा करते है. यदि कोई कर्मचारी अपना लीव नहीं देना चाहे तो वह इस संबंध में प्रबंधन को आवेदन कर मना कर सकता है. लीव बैंक कमेटी को यह अधिकार है कि लीव के प्राप्त आवेदन पर विचार करते हुए उसे स्वीकार करे अथवा अस्वीकृत कर दे.