रेलवे देता था 3.55 लाख सालाना होल्डिंग टैक्स, 1978 के बाद से बंद कर दिया टैक्स देना
डिफॉल्टर्स को 20 से ज्यादा रिमांडर भेज चुका DMC, लेकिन भुगतान नहीं करती कंपनियां
टैक्स कलेक्शन के लिए श्री पब्लिकेशन ने नगर विकास विभाग से मांगी 3 महीने की मोहलत
Ranchi : राज्य में टैक्स वसूली के मामले में धनबाद नगर निगम की स्थिति सबसे खराब है. डीएमसी अपने बकायेदारों से टैक्स वसूल नहीं कर पा रहा है. बीसीसीएल, रेलवे और सीएमपीएफ जैसी कंपनियां और संस्थानों के पास डीएमसी का करोड़ों का टैक्स बकाया है. अकेले बीसीसीएल पर नगर निगम ने 250 करोड़ से ज्यादा के होल्डिंग टैक्स के बकाया का दावा किया है. बीसीसीएल के 90 हजार से ज्यादा हाउस होल्ड का होल्डिंग टैक्स बकाया है. वहीं रेलवे ने भी 42 साल से नगर निगम को होल्डिंग टैक्स नहीं दिया है. 1978 तक रेलवे धनबाद नगरपालिका को हर साल अपने 377 क्वार्टर औऱ 60 दफ्तरों का 3 लाख 55 हजार रुपये होल्डिंग टैक्स दिया था. इसके बाद उसने टैक्स देना बंद कर दिया. बकाया टैक्स भुगतान के लिए नगर निगम 2015 से ही लगातार बीसीसीएल को पत्र भेज रहा है. अबतक 20 से ज्यादा पत्र भेजे जा चुके हैं.
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कंपनी के मानव बल को नगर आयुक्त मानते हैं अनुभवहीन
नगर विकास विभाग ने नगर निकायों के टैक्स कलेक्शन की समीक्षा के दौरान पाया है कि धनबाद नगर निगम बकायेदारों से टैक्स वसूलने में काफी पीछे है. भारी-भरकम बकाया राशि होने के कारण डीएमसी के राजस्व संग्रहण में भारी गिरावट आयी है. वहीं डीएससी नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार का कहना है कि टैक्स वसूलने वाली एजेंसी श्री पब्लिकेशन के पास अनुभवहीन मानव बल हैं. इस वजह से टैक्स कलेक्शन सही तरीके से नहीं हो पा रही है.
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अलग-अलग टीम बनाकर टैक्स कलेक्शन करने का निर्देश
नगर विकास विभाग नगर आयुक्त को डीएमसी के राजस्व संग्रहण की गति बढ़ाने का निर्देश दिया है. फिर से बीसीसीएल समेत सभी डफॉल्टर्स को होल्डिंग टैक्स भुगतान करने के लिए नोटिस भेजने को कहा गया है. विभाग की ओर से नगर आयुक्त को हर 15 दिन में टैक्स कलेक्शन की समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है. वहीं श्री पब्लिकेशन ने विभाग से 3 महीने का समय मांगा है. कंपनी को अलग-अलग टीम बनाकर टैक्स कलेक्शन करने का निर्देश दिया गया है.
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बीसीसीएल क्षेत्र के 25 से ज्यादा वार्डों में DMC करती है सफाई
छोटे उपभोक्ताओं पर तो धनबाद नगर निगम प्रेशर बनाकर उनसे टैक्स वसूल ले रहा है, लेकिन बड़े उपभोक्ताओं पर उसका कोई जोर नहीं चल रहा है. डीएमसी का सबसे ज्यादा बकाया बीसीसीएल पर है, लेकिन बीसीसीएल निगम के नोटिसों का की जवाब नहीं दे रहा है. डीएमसी झरिया, कतरास, केंदुआ और भूली समेत बीसीसीएल के 25 से ज्यादा वार्डों में डोर टू डोर सफाई करती है. नगर निगम का कहना है कि टैक्स भुगतान नहीं होने के कारण कर्मियों का एरियर भुगतान लटका हुआ है.
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2015 में डीएमसी से बीसीसीएल पर किया था होल्डिंग टैक्स का दावा
गौरतलब है कि 2015 में धनबाद नगर निगम ने बीसीसीएल से होल्डिंग टैक्स का दावा किया था. तत्कालीन नगर आयुक्त विनोद शंकर सिंह ने बीसीसीएल को टैक्स भुगतान करने के लिए नोटिस भेजा था. उधर बीसीसीएल की दलील है कि वो सार्वजनिक उपक्रम होने के नाते टैक्स के दायरे में नहीं आता है. निगम के दावे के खिलाफ बीसीसीएल हाईकोर्ट चला गया.
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