Rishi Ranjan
Lagatar Desk : आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में खुद को स्वस्थ और फीट रखना एक बड़ी चुनौती है. लोगों के पास खुद के शरीर के लिए समय ही नहीं है. लेकिन इस बिजी समय में भी आप खुद को एक फीट रख सकते हैं. आप खुद को कैसे स्वस्थ और फीट रखे इस लेख में हम आपको बतायेंगे.
योगा आज के समय में सबसे महत्वपूर्ण व्यायाम है. योगा करने के कई तरीके है, लेकिन आज हम टाइगर पोज़ के बारे में बतायेंगे. टाइगर पोज़ रीढ़ की एक बेहतरीन स्ट्रेचिंग कसरत है जो कूल्हों और जांघों को अधिकतम खुलने देती है. तो यह उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है, जो डेस्क जॉब में हैं और कमर के निचले हिस्से में लगातार दर्द बना रहता है.
टाइगर पोज़ को संस्कृत में व्याघ्रासन कहा जाता
टाइगर पोज़ को संस्कृत में व्याघ्रासन कहा जाता है, व्याघ्र का अर्थ है बाघ. जब बाघ नींद से जागता है या थकान महसूस करता है तो अपने पूरे शरीर को तरोताजा करने के लिए बाघ आगे के पैरों से लेकर पीछे की ओर खींचता है.
इस पोज को करते समय भी विभिन्न बातों का ध्यान रखना चाहिए.
1. पिछले कुछ महीनों में पीठ के निचले हिस्से में दर्द, कूल्हों, गर्दन और घुटनों में चोट लगने वाले लोगों को टाइगर पोज़ करने से बचना चाहिए.
2. पीठ, सर्वाइकल, स्पॉन्डिलाइटिस की स्थिति में डॉक्टर से सलाह लें; या किसी योग्य शिक्षक के मार्गदर्शन में अभ्यास करें.
3. गर्भावस्था के दौरान व्याघ्रासन करने से बचें
व्याघ्रासन (टाइगर पोज़) का अभ्यास
किसी आसन के अभ्यास के दौरान जटिलताओं या किसी भी प्रकार की चोट से बचने के लिए और इसका अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, शरीर के सही संरेखण को जानना अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है. व्याघरासन का सही तरीके से अभ्यास करने के लिए निम्नलिखित चरण हैं:
1. सबसे पहले मार्जरीआसन (कैट स्ट्रेच पोज) की शुरुआती मुद्रा ग्रहण करें.
2. पहले दाहिने पैर सेकरने पर विचार करें. धीरे-धीरे दाहिने पैर को फैलाएं, पैर को सीधा करें और धीरे से ऊपर की ओर फैलाएं.
3. सिर को ऊपर की दिशा में ऊपर उठाएं, साथ ही पीठ को भी झुकाएं.
4. पैर को बिना तनाव के सिर के पीछे की ओर थोड़ा सा ले आएं. कुछ क्षण इसी स्थिति में सांस को रोककर रखें.
4. अब पैर को सीधा और स्ट्रेच करें, इसे धीरे-धीरे हिप्स के नीचे लाएं. पीठ को ऊपर की ओर झुकाते हुए और गर्दन को नीचे की ओर झुकाते हुए घुटने को नाक या माथे के पास लाएं.
5. जांघ को छाती से लगने दें. पूरे अभ्यास के दौरान दाहिने पैर को जमीन से स्पर्श न होने दें.
6. इसी मुद्रा में रुकें और कुछ पल के लिए सांस को रोककर रखें.
7. इसी प्रक्रिया का पालन करते हुए बाएं पैर से अभ्यास करें और फिर लंबी और गहरी सांस लेते हुए पूरे शरीर को आराम दें.
व्याघ्रासन (टाइगर पोज़) के लाभ
1. इस आसन के अभ्यास से पीठ की कसी हुई मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं और मेरुदंड की नसें टोन हो जाती हैं.
2. पैर और कूल्हे के जोड़ों को ढीला करता है.
3. शरीर में रक्त परिसंचरण को उत्तेजित करता है.
4. साइटिका से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि यह साइटिका तंत्रिका को आराम देता है.
5. कूल्हों और जांघों से शरीर की अतिरिक्त चर्बी को कम करता है. पेट की मांसपेशियों को फैलाता है और मजबूत करता है और समग्र पाचन में सुधार करता है.
6. बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं के लिए इस आसन की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है क्योंकि यह आसन महिला प्रजनन अंगों को टोन और मालिश करता है.