Jamtara: एक तरफ कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए जिले में डेडिकेटिड कोविड अस्पताल कार्यरत है. वहीं दूसरी ओर कोविड अस्पताल उदलबनी (जामताड़ा) में फर्जी कागजात के आधार पर नियोजन का मामला सुर्खियों में है. आरोप है जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) ने डेडिकेटिड कोविड अस्पताल उदलबनी के पांच लैब टेक्नीशियन के नियोजन में मोटी रकम का उगाही की गई है. बताया जा रहा है कि इसमें लैब टेक्नीशियन से 15-20 हजार रुपये लिया गया है. यह आरोप जामताड़ा जिले के नाला प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत गेड़िया गांव के रहने वाले रामकुमार सिंह ने लगाया है.

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सिविल सर्जन ने जांच के लिए बनाई कमेटी
सिविल सर्जन डॉ आशा ने कोविड-19 अस्पताल उदलबनी में फर्जी कागजात के आधार पर लैब टेक्नीशियन के नियोजन और रिश्वतख़ोरी के मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है. जिसमें तीन सदस्य शामिल हैं. इस कमेटी में शामिल अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डा सुरेन्द्र कुमार मिश्रा, जिला भी.बी.डी पदाधिकारी डॉ सी के शाही एवं सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ चन्द्रशेखर आजाद को रखा गया है. जिन्हें 1 जून को जांच कर सिविल सर्जन के समक्ष रिपोर्ट सौपने को कहा गया है. इस संदर्भ में 29 मई को सिविल सर्जन कार्यालय के ज्ञापांक-575 के तहत जांच का आदेश निकला है.
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कैसे हुआ गड़बड़झाले का खुलासा
दरअसल 28 मई को नाला प्रखंड क्षेत्र के गेड़िया गांव के रहने वाले रामकुमार सिंह ने सिविल सर्जन को लिखित शिकायत देकर कोविड-19 अस्पताल उदलबनी के लिए फर्जी कागजात के आधार पर नियोजित पांच लैब टेक्नीशियन के नियुक्ति की जांच की मांग की. आरोप है कि वह स्वयं भी लैब टेक्नीशियन के चयन प्रक्रिया में आवेदक थे. इन्होंने बिहार से लैब टेक्नीशियन का प्रशिक्षण प्राप्त किया है. वे अपने प्रशिक्षण से संबंधित कागजात को लेकर जिला प्रबंधक से मिले. उनके द्वारा कागजातों के अवलोकन के पश्चात बिहार से लैब टेक्नीशियन का प्रशिक्षण पूरा करने के कारण नियुक्ति में असमर्थता जाहिर की गई. लेकिन जिन पांच लैब टेक्नीशियन का चयन किया गया है, उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्र से लेकर अन्य कागजात को फर्जी बताया जा रहा है. इससे भी एनआरएचएम में एएनएम की नियुक्ति हुई थी. उपायुक्त की जांच में यह खुलासा हुआ था. जिसमें जाली प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्त एएनएम के विरुद्ध जामताड़ा थाना में एफ़आइआर दर्ज है. लेकिन इस जालसाज़ी के किंगपिन आज भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं.
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सिविल सर्जन ने क्या कहा ?
डॉ आशा एक्का ने कहा कि फर्जी कागजात के आधार पर लैब टेक्नीशियन के नियोजन का मामला संज्ञान में आया है. जिसकी जांच करवाई जा रही है. जांच कमेटी ने अभी रिपोर्ट नहीं सौपा है. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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